पापा बच्चो के लिए हिम्मत पापा के शब्द से ही मन में हिम्मत आती है पापा की छवि मन में समाती है पापा अपने बच्चो को हिम्मत देने वाली एक कुंजी है क्योकि बच्चे ही तो पापा के लिए पूंजी है देखो कैसा समय आ गया है कि पापा दिल में गम लिए चुप बैठे है और बच्चे है की पापा से रूठे बैठे है पापा ही तो बच्चे को ऊँगली पकड़ कर चलना सिखाते है बच्चे को कभी गोदी तो कभी पीठ पर घुमाते है और जब बच्चो का ये सब करने का समय आता है तो वही बच्चा पापा से कोसो मील दूर हो जाता है पापा बच्चो से कभी शिकायत नहीं करते है बच्चो के फैसलों पर उनके साथ खड़े होते है और आज के बच्चे अपने ही पापा को गलत समझते रहते है फिर वही बच्चे अपने पापा के फैसलों पर ऊँगली उठाते है और बच्चे अपना समय भूल जाते है पापा के लिए बच्चे कभी अकेले नहीं होते है क्योकि बच्चो की परछाई बनकर पिता हमेशा उनके साथ होते है। Kalyug Changed everything - (देखो भाई कैसा कलयुग आया है ) जिद्दी बच्चे की कहानी - how to explain to a stubborn child मैं उम्मीद करता हूँ आप सभी को मेरी कविताये और मेरी सोच पसंद आती है अगर आपको कोई भी कमी मिले तो कृप्या आप
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