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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है    राधा कृष्णा जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है  यहां तो सिर्फ हवस में ही प्रेम समाया है इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  यहां राम और लक्ष्मण भाइयो जैसा प्यार कोई समझ नहीं पाया है  जायदाद के लिए भाई ने ही भाई का खून बहाया है  श्रवण के भाव माता पिता के लिए कोई नहीं समझ पाया है  आज कल तो माता पिता को बेटा ही आश्रम में छोड़ कर आया है  हरीशचंद्र जैसा सत्यवादी कोई नहीं कहलाया है  आज कल तो सबने झूठ को ही अपनाया है  एक समय पर कुनबा ही परिवार कहलाया है  आज कल तो माता  पिता से अलग होकर ही परिवार भाया  है  सीता माता  जैसी स्त्री ने पति धर्म निभाया है  आज कल की स्त्रियों ने तलाक लेकर पति से छुटकारा पाया है  भगत सिंह जी ने  शहीद होकर  आज़ादी का मतलब  समझाया है  पर आज कल की राजनीती ने हमे फिर से गुलाम  बनाया है रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओ को लड़ना सिखाया है  आज उसी सीख से महिलाओ ने देश में अपना सम्मान बढ़ाया है  एक समय  राजाओ ने आपस में लड़कर देश को गुलाम बनवाया है  और आज राजनीती ने जनता को अपना गुलाम बनाया है  इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  उम्मीद करता हूँ आप

जल ही जीवन - जल बचाओ जीवन बचाओ

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जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल  जल क्या है  हम और हमारे समाज को पता है जल बिना हमारी जिंदगी नर्क है  या ये कहे की जल के बिना हमारा इस धरती  पर वजूद ही नहीं!  हम हमेशा से सुनते आये है की जल ही जीवन है हम जल के बिना अपने आने वाले कल की कल्पना भी नहीं कर सकते है ! हम भोजन के बिना एक महीने से ज्यादा जीवित रह सकते है लेकिन जल के बिना एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकते ! कुछ जीवो ( जैली फिश ) ने उनका 90 % से अधिक शरीर का  भार जल से होता है ! मानव शरीर में 60 % जल होता है मस्तिष्क में 85 % जल होता है, रक्त में 79 % जल है था फेफड़ो में लगभग 80 % जल होता है ! जब तक जल रहेगा तब तक हमारा कल रहेगा ! धरती पर जल की मात्रा  धरती पर जल अपने आप में बहुमूल्य संसाधन है मतलब हर  सजीव जीव जल पर निर्भर है ! बहुत कम लोगो को पता है की धरती का तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% जल खारा है जो पीने योग्य नहीं है पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है ! वही इसका अधिकतर हिस्सा या तो धुवीय हिम टॉप के रूप में जम जाता है या मृदा में मिल जाता है ! अतः  हम जो पानी इस्तेमाल करते है वह धरती के सतह