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Showing posts from May, 2020

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है    राधा कृष्णा जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है  यहां तो सिर्फ हवस में ही प्रेम समाया है इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  यहां राम और लक्ष्मण भाइयो जैसा प्यार कोई समझ नहीं पाया है  जायदाद के लिए भाई ने ही भाई का खून बहाया है  श्रवण के भाव माता पिता के लिए कोई नहीं समझ पाया है  आज कल तो माता पिता को बेटा ही आश्रम में छोड़ कर आया है  हरीशचंद्र जैसा सत्यवादी कोई नहीं कहलाया है  आज कल तो सबने झूठ को ही अपनाया है  एक समय पर कुनबा ही परिवार कहलाया है  आज कल तो माता  पिता से अलग होकर ही परिवार भाया  है  सीता माता  जैसी स्त्री ने पति धर्म निभाया है  आज कल की स्त्रियों ने तलाक लेकर पति से छुटकारा पाया है  भगत सिंह जी ने  शहीद होकर  आज़ादी का मतलब  समझाया है  पर आज कल की राजनीती ने हमे फिर से गुलाम  बनाया है रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओ को लड़ना सिखाया है  आज उसी सीख से महिलाओ ने देश में अपना सम्मान बढ़ाया है  एक समय  राजाओ ने आपस में लड़कर देश को गुलाम बनवाया है  और आज राजनीती ने जनता को अपना गुलाम बनाया है  इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  उम्मीद करता हूँ आप

Lockdown 4.0 - Guidelines by Govt.

Lockdown 4.0  के लिए केन्द्र सरकार के दिशा - निर्देश नीचे दिए गए है! 31 मई तक क्या बंद रहेगा? अंतरराष्ट्रीय और घरेलू यात्री उड़ानें बंद रहेंगी। मेट्रो रेल भी अभी शुरू नहीं होंगी। सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, जिम, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थिएटर, ऑडिटोरियम, असेंबली हॉल बंद रहेंगे। स्कूल, कॉलेज, एजुकेशन, ट्रेनिंग, कोचिंग इंस्टिट्यूट भी 31 मई तक बंद रहेंगे। ऑनलाइन डिस्टेंस लर्निंग चलती रहेगी। होटल और बार बंद रहेंगे। हर तरह के राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक कार्यक्रमों और जमावड़ों पर रोक जारी रहेगी। 31 मई तक क्या खुला रहेगा? अगर राज्य सरकारों के बीच आपसी सहमति बन जाती है तो दो राज्यों के बीच यात्री बसों और गाड़ियों की आवाजाही हो सकेगी। सरकारें अपने स्तर पर फैसला कर राज्यों के अंदर भी बसें शुरू कर सकेंगी। स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स और स्टेडियम खुल सकेंगे, लेकिन दर्शकों की इजाजत नहीं होगी। रेस्टोरेंट्स से आप सिर्फ होम डिलिवरी के लिए खाना मंगवा सकेंगे। होम डिलिवरी करने वाले रेस्टोरेंट्स को किचन शुरू करने की इजाजत दी गई है। सिर्फ वही होटल चालू रहेंगे, जहां

'माँ' - भगवान का रूप

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माँ शब्द अपने अपने आप में  परिपूर्ण  'माँ' ये शब्द अपने आप में  ही पूर्ण है माँ  के  बारे में  आप कितना भी लिख लो  वो अपने आप  में अधूरा  और अपूर्ण लगेगा क्युकी उसकी पूर्णता दर्शाने के लिए शब्द ही कम पड़ जाते है! इस संसार में माँ का आँचल जिसे मिल जाये जिसे उसके आँचल की पनाह मिल जाये उसकी जिंदगी अपने आप में  ही सफल हो जाती है! हम माँ का गुणगान किन शब्दों  में करे वह  जीती भी हमारे लिए  और मरती भी हमारे लिए है! लोग कहते है कि जब  एक बच्चा औरत की कोख से जन्म लेता  तब वो औरत माँ बनती है! परन्तु लोगो के यह नहीं पता की जब उस औरत को पता लगता है  की वो गर्भवती है उसकी  कोख में एक बच्चा पल रहा है वह  तभी ही माँ बन जाती है! उस औरत का अल्हड़पन उसकी मौज मस्ती  रहन -सहन खान -पान और उसका सवभाव बदल जाता है! पहले वह अपने लिए खाती थी परन्तु अब वह अपने गर्भ में पल रहे बच्चे  के स्वास्थ्य के लिए  खाती है! कुय्की अब वह औरत माँ बनने जा रही है और यह पल उसकी ज़िदगी का सबसे हसीन पल है!  जिसके वह बस सपने संजोती थी आज उसका वह सपना पूर्ण होने जा  रहा है वह जो मस्त अल्हड़ अपने में  मग्ज़ रहने वाली औरत माँ