ज़िंदगी की खूबसूरत कहानी है औरत
औरत की कहानी सबकी ज़ुबानी
उपरवाले ने धरती पर एक खूबसूरत तोहफा दिया जिसे हम सबने औरत का नाम दिया। औरत को अपनाया तो सबने लेकिन किसी ने इसे अपनी पलकों पर बिठाया तो किसी ने जूती की धूल समझ कर ठुकराया। किसी ने औरत को घर में बिठाया तो किसी ने तिरिस्कार करके घर से निकला। समय समय पर औरत ने अपनी हिम्मत का परिचय दिया और साबित किया की हमारे बिना इस संसार का कोई वज़ूद नहीं है।
औरत के रूप
इस संसार में औरत को अनेको रूपों में बुलाया गया है , जब जन्म लिया तो बेटी के रूप में जाना गया , जब शादी हुई तो बहू के रूप में , जब बच्चे को जन्म दिया तो माँ के रूप में , जब बेटे के पत्नी घर आयी तो साँस का नाम मिला। इसी तरह औरत को अलग अलग किरदार में देखा जाता है। जिसका अपना कोई घर नहीं होता है। बस समय समय पर उसके घर और किरदार बदलते जाते है।
दुनिया कहती है जिसे कमज़ोर वो औरत तुम नहीं क्योकि कमज़ोर तो इस दुनिया की सोच है। हर मोड़ हर राह पर तुम देती हो परीक्षा फिर भी न करती हो उफ़ न ही पूछती हो कोई सवाल और अपनी परीक्षा में होती हो पास। तुम दिखती हो नाज़ुक पर अंदर से हो तुम मजबूत हर बार हर समय तुम देती हो अपनी मजबूती का परिचय । दुनिया तुम्हे कमज़ोर साबित करने की बहुत कोशिश करती है लेकिन वह भूल जाती है की वो तुम्हे कमज़ोर नहीं बल्कि और मजबूत बनाती जा रही है। क्योकि तुम्हे तुम्हारी सोच मजबूत बनाती है। खुद और अपनी सोच को कभी कमजोर मत होने देना। और इस दुनिया को हर समय अपनी मजबूती का एहसास दिलाते रहना।
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