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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है    राधा कृष्णा जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है  यहां तो सिर्फ हवस में ही प्रेम समाया है इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  यहां राम और लक्ष्मण भाइयो जैसा प्यार कोई समझ नहीं पाया है  जायदाद के लिए भाई ने ही भाई का खून बहाया है  श्रवण के भाव माता पिता के लिए कोई नहीं समझ पाया है  आज कल तो माता पिता को बेटा ही आश्रम में छोड़ कर आया है  हरीशचंद्र जैसा सत्यवादी कोई नहीं कहलाया है  आज कल तो सबने झूठ को ही अपनाया है  एक समय पर कुनबा ही परिवार कहलाया है  आज कल तो माता  पिता से अलग होकर ही परिवार भाया  है  सीता माता  जैसी स्त्री ने पति धर्म निभाया है  आज कल की स्त्रियों ने तलाक लेकर पति से छुटकारा पाया है  भगत सिंह जी ने  शहीद होकर  आज़ादी का मतलब  समझाया है  पर आज कल की राजनीती ने हमे फिर से गुलाम  बनाया है रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओ को लड़ना सिखाया है  आज उसी सीख से महिलाओ ने देश में अपना सम्मान बढ़ाया है  एक समय  राजाओ ने आपस में लड़कर देश को गुलाम बनवाया है  और आज राजनीती ने जनता को अपना गुलाम बनाया है  इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  उम्मीद करता हूँ आप

Conflict (Struggle) is the purpose of life - संघर्ष ही जीवन का उद्देश्य है

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 संघर्ष ही जीवन का उद्देश्य है  जीवन जीना किसे आता है  संघर्ष ही जीना सिखाता है @@@@-----$-----@@@@  इस भीड़ वाली दुनिया में कुछ समझ नहीं आता है  सब धुंधला सा नज़र आता है  इंसान जीवन से भटक जाता है  फिर संघर्ष ही जीना सिखाता है  @@@@-----$-----@@@@ जीवन का दूसरा नाम ही संघर्ष है  संघर्ष के बिना जीवन अधूरा है  जीवन में जब भी इंसान खुद को कमजोर समझता है  उसके जीवन में संघर्ष का समय जरुर आता है  और यही संघर्ष उसे जीना सिखाता है  @@@@-----$-----@@@@ हर रात के बाद नयी सुबह आती है  सूरज की किरणे जिंदगी में नयी आस लाती है  नयी आस के साथ ही नयी कहानी लिखी जाती है  संघर्ष ही तो जीवन का मतलब समझाती है @@@@-----$-----@@@@   इस संघर्ष के सफर में कितने आये और कितने गए  कई किस्से पुरे हुए तो कई अधूरे रह गए  पर जिस जिसने संघर्ष किया  उनके नाम सभी के जुबान पर रह गए।  @@@@-----$-----@@@@ FATHER SAAHB - पिता के बहुत खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए poem poetry (कविताएं) stories कहानिया   संघर्ष ही जीवन है  मनुष्य में मानवता और इंसानिया  पति पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल और प्यारा होता है   .IN

Father Saahb - पिता के बहुत खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए

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पिता के बहुत खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए       मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा  जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया  मुझसे ही कहने लगा  देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया   मैंने कहा बेटा इस गलतफ़हमी में भले ही जगड़े रहना  मगर मेरा हाथ पकडे रहना  जिस दिन यह हाथ छूट जायेगा  बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जायेगा  दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नहीं है  देख तेरे पांव तले अभी जमीन नहीं है  मैं तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा  जिस दिन तू वास्तव में बड़ा हो जायेगा  मगर बेटे कंधे पर नहीं  जब तू जमीन पर खड़ा हो जायेगा  ये बाप तुझे सब कुछ अपना दे जायेगा  और तेरे कंधे पर इस दुनिया से चला जायेगा  read now 👉 Humanity is Important in Humans Allergy in the Corona Period  Selfish Humans and Selfish World Feticide is a Sin Poetry and Poem Stories  आपको यह कविता 'पिता के खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए ' पसंद आयी है तो इसे कमेंट और शेयर जरूर करे।  एक पिता अपने बच्चे को हर तरह से खुश रखना चाहता है और उसकी हर ख्वाइश पूरी करता है।  यह हम सब जानते है।  हमे अपने पापा के लिए वह सब कुछ करना चाहिए जो हमसे हो सके।   अ

इश्क है तो जाहिर कर , इश्क़ के मीठे बोल, इश्क़

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इश्क़ के मीठे बोल इश्क है तो जाहिर कर बना कर चाय हाजिर कर  अदरक डाल या डाल इलायची  कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर।  इश्क़ है तो जाहिर कर  जिंदगी बहुत छोटी है  इसे ऐसे बर्बाद मत कर  जो भी दिल में है उसका इजहार कर।    इश्क है तो जाहिर कर   अपनी मोहब्बत में मेरा नाम शामिल कर इश्क के इंतिहा को तू पास कर  घर वालो से मेरे बारे में बात कर।  इश्क़ है तो जाहिर कर  सोच कर समय बर्बाद मत कर प्यार कर इक़रार कर  दुनिया के सामने मुझे अपनाकर  अपने प्यार का नाम सरे आम कर।   इश्क़ है तो जाहिर कर  पहले तू पढाई कर  घर वालो का रोशन नाम कर  फिर घर आ कर, मेरा हाथ थाम कर  मेरे घर वालो को शादी के लिए राजी कर।    इश्क़ है तो जाहिर कर अपने रिश्ते पर भरोसा कर बना कर चाय हाजिर कर अदरक डाल या डाल इलायची  कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर।    क्रिकेट की खबरे  स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था  स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था कहानियाँ    मेरे प्यारे दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ आपको यह कविता अच्छी लगी होगी , कृपया इसे शेयर करे अगर आपको पसंद आयी हो तो , और अगर आपक

स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था ,

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स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , न कोई टेंशन, न बाहर वालो का डर था,   मौज मस्ती और पढ़ाई में  गुजरे दिन थे , उन  दिनों  घरवाले समझते थे,  बस बेटा एक बार स्कूल पास कर लो,  उसके बाद तो जिंदगी में  स्कून ही स्कून है ,  पर उन्होंने यह नहीं बताया की उसके बाद की जिंदगी कैसी होती है ,  और जब स्कूल पास किया तो जिंदगी का फलसफा समझ आता है,   अब जिंदगी सरल नहीं कठिन होने वाली है,   अब तो जिंदगी में भूचाल सा आ रहा है,  सब दोस्त अलग होते जा रहे रहे है,  सबकी मंजिल और रस्ते बदल रहे है,  दोस्तों का साथ भी छूट रहा  है और नए दोस्त भी मिल रहे  है,  स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , अब तो  सब अपनी दिखावटी जिंदगी में व्यस्त होते जा रहे  है,   कोई खुद की सुन रहा  है कोई परिवार और कोई रिश्तेदारों की सुन रहा  है,  कोई अपना लक्ष्य बदल रहा है कोई लक्ष्य के पीछे भाग रहा है,  पर किसी को  नहीं पता था की स्कूल के बाद की जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर ले जा रही है ,  इस दौरान कुछ अनजान शहर और कुछ अनजान देश में जा रहे है,  कोई कॉलेज की जिंदगी जी रहा  है