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Showing posts from April, 2021

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है

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राधा कृष्ण जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है    राधा कृष्णा जैसा प्रेम कोई समझ न पाया है  यहां तो सिर्फ हवस में ही प्रेम समाया है इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  यहां राम और लक्ष्मण भाइयो जैसा प्यार कोई समझ नहीं पाया है  जायदाद के लिए भाई ने ही भाई का खून बहाया है  श्रवण के भाव माता पिता के लिए कोई नहीं समझ पाया है  आज कल तो माता पिता को बेटा ही आश्रम में छोड़ कर आया है  हरीशचंद्र जैसा सत्यवादी कोई नहीं कहलाया है  आज कल तो सबने झूठ को ही अपनाया है  एक समय पर कुनबा ही परिवार कहलाया है  आज कल तो माता  पिता से अलग होकर ही परिवार भाया  है  सीता माता  जैसी स्त्री ने पति धर्म निभाया है  आज कल की स्त्रियों ने तलाक लेकर पति से छुटकारा पाया है  भगत सिंह जी ने  शहीद होकर  आज़ादी का मतलब  समझाया है  पर आज कल की राजनीती ने हमे फिर से गुलाम  बनाया है रानी लक्ष्मीबाई ने महिलाओ को लड़ना सिखाया है  आज उसी सीख से महिलाओ ने देश में अपना सम्मान बढ़ाया है  एक समय  राजाओ ने आपस में लड़कर देश को गुलाम बनवाया है  और आज राजनीती ने जनता को अपना गुलाम बनाया है  इस कलयुग की माया कोई समझ न पाया है।  उम्मीद करता हूँ आप

स्वार्थी मनुष्य - क्या हम सब स्वार्थी है

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 स्वार्थी मनुष्य  आज हम बात करेंगे स्वार्थी इंसान की।  पहले हम स्वार्थ की परिभाषा को समझेंगे - स्वार्थ को हम खुदगर्ज भी कहते है ,  वह मनुष्य जो अपने फायदे या काम  के लिए किसी से बात करे और जब उसका काम निकल जाये तो वह किनारा कर ले और  फिर दुबारे काम होने पर उसे याद करे उसे हम सरल भाषा में स्वार्थ कहते है। स्वार्थी मनुष्य अपने काम और फायदे के किसी को नुक्सान भी पहुंचा सकता है।  वैसे तो हम सब स्वार्थ का अलग अलग मतलब निकालते है। जैसे आप कभी  एक कक्षा या सभा में किसी से पूछेंगे तो आपको हर कोई स्वार्थ का अलग अलग मतलब बतायेगा।  लेकिन सब जवाब मिलते जुलते ही मिलेंगे क्योकि स्वार्थी मनुष्य अपने फायदे के लिए सब कुछ करता है।  भगवान ने मनुष्य का स्वभाव जानवरो से अलग बना रखा है।  और मनुष्य अपने स्वभाव के हिसाब से ही चलता है।  जिस तरह मनुष्य की पांचो उंगलिया एक जैसी नहीं होती है उनकी इच्छाएं असीमित होती है (मनुष्य की इच्छाएं असीमित और अनंत ) ।  उसी प्रकार हर मनुष्य का स्वभाव एक जैसा नहीं होता है। क्योकि हम मनुष्य ऐसे ही होते है।  एक मनुष्य  कभी खुद में कमी नहीं देखता लेकिन दूसरे में कमी बहुत जल्दी ढ

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी - अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत उन्हें मिला ही देती है

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प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी  किसी  ने सच ही कहा है अगर आप किसी को सच्चे दि ल से चाहो तो कायनात भी उसे आपसे मिलाने में  जुट जाती है। और अगर किस्मत भी साथ दे दे तो वो आपको जरूर मिल जाता है।   यह कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे दो प्यार करने  वाले एक दूसरे से जुदा होने के बाद भी मिल जाते है।  यह कहानी और कहानियो की तरह नहीं है।  इस कहानी में किस्मत दो प्यार करने वालो को फिर से मिलाती  है।  और उन दोनों को भी नहीं पता था  कि वो दोनों जिंदगी में दुबारे मिल पाएंगे।  चलो अब हम कहानी की शुरआत करते है इस कहानी को पूरा पढ़ना जब ही आपको समझ आएगा की प्यार  किसे कहते और उसका पास होने का और जुड़ा होने का एहसास कैसा होता है।  राज और काजल दिल्ली के एक ही कॉलेज में पढ़ते है, दोनों की कॉलेज में दोस्ती हो जाती है।  और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है।  राज और काजल एक दूसरे को अच्छे से समझने लगते है , और  उन दोनों का समय के साथ साथ दोस्ती और  प्यार बढ़ता जाता है। कॉलेज का आखिरी पड़ाव था और दोनों अब एक दूसरे से अलग हो रहे थे दोनों बेचैन थे की आगे वो मिल पाएंगे या नहीं उनकी जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर

श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत कथा - नवरात्री उत्स्व क्यों मनाया जाता है

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श्री दुर्गा नवरात्रि व्रत कथा   दुर्गा पूजन   यदि अखंड दीपक प्रज्वलित करके नौ तक प्रज्वलित रखना चाहते हो तो इसके लिए बड़े दीपक में घी भरा रहे बत्ती निरंतर प्रज्वलित रहे।  गंगाजल अथवा शुद्ध जल से तीन बार प्रक्षालित करले (धोकर) अथवा चावल भी धो ले तो यह अक्षत हो जायेगा।  पंचोचर से श्री गणेश जी का  पूजन करे।  यदि श्री दुर्गा जी की स्वर्ण या रजत  हो तो उसे सिंहासन पर अथवा जल पूर्ण कलश पर स्थापित करके पूजन करे।  यदि गणेश जी की मृतिका (मिट्टी ) की प्रतिमा हो तो उसका दर्पण में (प्रतिबिम्ब) देखकर तथा स्थापना स्थान को साफ़ करले एवं स्वयं को शुद्धकर था शुद्ध वस्त्र पहन कर प्रतिमा की स्थापना करे।  श्री दुर्गा नवरात्रि कथा एवं व्रत  व्रत विधान :- उपवास अथवा फलाहार की इस व्रत में कोई विशेष व्यवस्था या नियम नहीं है।  प्रातः नित्य कर्म से निर्वत होकर तथा स्नान करके मंदिर में अथवा घर पर ही नवरात्र काल में श्री दुर्गा जी का ध्यान करके श्रद्धा भक्ति सहित उनकी कथा प्रारम्भ की जाये।  यह व्रत तथा कथा - विधान कुंवारी कन्याओ के लिए विशेष लाभदायक है।  भगवती दुर्गा की कृपा से समस्त कष्टों, अरिष्टों तथा विघ्न बधाओ

पति पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल और प्यारा होता है

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पति पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल और प्यारा होता है शादी के बाद दो इंसान पति पत्नी के रिश्ते में जुड़ते है और इस रिश्ते के साथ दोनों को एक नया परिवार भी मिलता है। और शादी के बाद पत्नी अपने घर परिवार को छोड़ कर पति के साथ रहने चली जाती है और यही से इनके नए जीवन की शुरुरात होती है।  चाहे प्यार  करके शादी हो या फिर घर वालो  की मर्जी से पर नयी जिंदगी की शुरुआत तो शादी के बंधन में बंधने से ही होती है।  यह सब तो आपको पता ही है चलो अब पति पत्नी के बिच के सहयोग और रहने के तरिके की बात करते है।  शादी के बाद पति पत्नी का जीवन बदल जाता है शादी के बाद दोनों की इच्छाएं बदल जाती है और सोच समझ में बदलाव आ जाता है , क्योकि शादी से पहले दोनों ही अकेले और अपने माता पिता के साथ रहे है और दोनों ने अपनी जिंदगी खुल कर जी है।  लेकिन शादी के बाद अब दोनों को एक दूसरे के पसंद और ना पंसद को ध्यान रखना दोनों को आपस में एक दूसरे की हर बात का पता होना चाहिए और एक  दूसरे से कोई गिले शिकवे नहीं  होने चाहिए।  पत्नी की पति से शिकायते  पति पत्नी का रिश्ता मजबूत के साथ साथ बहुत नाजुक भी होता है , और इस रिश्ते में दो