जीवनसाथी हो ऐसा - राधा कृष्णा का प्यार है जैसा जीवनसाथी नहीं पहली आस हो तुम रिश्तो में नहीं विश्वाश में हो तुम। प्यार भरे दिन की शुरुआत हो तुम मेरे लिए हर पल खाश हो तुम। मेरी जिंदगी की पहचान हो तुम मुझको समझने मे लाजवाब हो तुम। मेरे सुख दुःख में शामिल हो तुम मुझको हसाने में माहिर हो तुम। मेरे परिवार का पिल्लर हो तुम मेरी जिंदगी की चाबी हो तुम। चाय में अदरक जैसे हो तुम मेरी कड़क चाय हो तुम। मैं रास्ता भटक जाऊ तो सही रास्ता दिखाओगे तुम मेरी हिम्मत बन साथ खड़े हो जाओगे तुम। मैं कुछ समझ न पाऊं तो समझाओगे तुम जिंदगी की भाषा सिखाओगे तुम। मेरे लिए समाज से टकराओगे तुम मेरे हर हालात में कदम से कदम मिलाओगे तुम। मेरी खातिर किसी और को अपनाओगे नहीं तुम गलती हो जाये तो माफ़ कर जाओगे तुम। मेरी मोहब्बत का मजाक नहीं उड़ाओगे तुम हम जैसे भी है वैसे ही हमे अपनाओगे तुम। दिल की धड़कन बनजाओगे तुम और उस धड़कन को धड़कना सिखाओगे तुम। अब कैसे बताये ये तुम्हे अपना ये रिश्ता है ऐसा राधा और कृष्णा के साथ जैसा। जिस तरह राधा कृष्ण एक साथ है पूरे उसी तरफ हम तुम्हारे बिन है अ
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