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स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था ,

स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , न कोई टेंशन, न बाहर वालो का डर था,   मौज मस्ती और पढ़ाई में  गुजरे दिन थे , उन  दिनों  घरवाले समझते थे,  बस बेटा एक बार स्कूल पास कर लो,  उसके बाद तो जिंदगी में  स्कून ही स्कून है ,  पर उन्होंने यह नहीं बताया की उसके बाद की जिंदगी कैसी होती है ,  और जब स्कूल पास किया तो जिंदगी का फलसफा समझ आता है,   अब जिंदगी सरल नहीं कठिन होने वाली है,   अब तो जिंदगी में भूचाल सा आ रहा है,  सब दोस्त अलग होते जा रहे रहे है,  सबकी मंजिल और रस्ते बदल रहे है,  दोस्तों का साथ भी छूट रहा  है और नए दोस्त भी मिल रहे  है,  स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , अब तो  सब अपनी दिखावटी जिंदगी में व्यस्त होते जा रहे  है,   कोई खुद की सुन रहा  है कोई परिवार और कोई रिश्तेदारों की सुन रहा  है,  कोई अपना लक्ष्य बदल रहा है कोई लक्ष्य के पीछे भाग रहा है,  पर किसी को  नहीं पता था की स्कूल के बाद की जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर ले जा रही है ,  इस दौरान कुछ अनजान शहर और कुछ अनजान देश में जा रहे है,  कोई कॉलेज की जिंदगी जी रहा  है

स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था

स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था वो भी क्या दिन थे स्कूल का दौर था, यारो की  महफ़िल थी और जिंदगी मौज में थी, प्रेयर तो होती थी लेकिन हम कभी प्रेयर में नहीं होते थे, टाई के नाम पर फंदा दे रखा था, लेकिन मेरे यारो ने उसका खेल बना रखा था , मुझे याद है मेरे यारो में किसी को टाई बांधनी भी नहीं आती थी, लंच टाइम से पहले हम अपना लंच खा जाते थे, फिर लंच में सबका लंच छीन कर खाते थे, होमवर्क कभी किया नहीं था, अगर किसी ने किया तो उसकी कॉपी मिलती नहीं थी,  क्लास की लड़कियों से होमवर्क करवाते थे क्योकि हमे मौज मस्ती भी करनी होती थी , मॉनिटर की जगह क्लास में हमारी चलती थी, हिस्ट्री और इंग्लिश का पीरियड हमेशा गोल होता था, क्योकि हिस्ट्री की क्लास में नींद आती थी, और इंग्लिश का होमवर्क नहीं होता था, कभी कभी बुक होते हुए भी बोल देते थे की आज बुक नहीं लाये  क्योकि इस बहाने सारे दोस्त क्लास से एक साथ बाहर होते थे , दोस्तों के नाम अजीबो गरीब होते थे, जैसे कोई पागल, बंदर, बकरी, लाम्बा, तरनुम, नाटा, स्टीम इंजिन  ये सब वो नाम थे जिनको असली नाम के बदले इन सब नामो से जाना जाता था, और सबसे अच्छी बात

Poem on Job- बड़ी हसीन होगी तू ऐ नौकरी सारे युवा आज तुझपे ही मरते हैं

 नौकरी  बड़ी हसीन होगी तू ऐ नौकरी  सारे युवा आज तुझपे  ही मरते हैं  सुख चैन खोकर चटाई पर सोकर  सारी रात जग कर पन्ने पलटते है  दिन में लहरी और रात को मैगी  चाय और सिगरेट के शौकीन होकर  आधे पेट ही खाकर  तेरा नाम जपते है  सारे युवा आज तुझपर ही मरते है । एक शहर से दूसरे शहर बस नौकरी तलाशने जाते है  अनजान शहर में छोटा सस्ता रूम लेकर  किचन बैडरूम सब उसी में सहेज कर  चाहत में तेरी अपने माँ बाप से दूर रहते है और वही के बन कर रह जाते है  सारे युवा आज तुझपर ही मरते है । राशन की गठरी सर पर उठाये  अपनी मायूसी और मजबूरियाँ खुद ही छुपाए खचाखच भरी ट्रेन मे बिना टिकट के रिस्क लेके आज सफ़र करते हैं  सारे युवा आज तुझपर ही मरते हैं।  इन्टरनेट अखबारो मे तुझको तलाशते  तेरे लिए पत्र पत्रिकाएं पढ़ते पढ़ते  बत्तीस साल के जवान कुँवारे फिरते है  तेरी एक हा के इंतजार मे  रात रात भर पलकों को भी नहीं झपकते है । तू कितनी हसीन है ऐ नौकरी  सारे युवा आज तुझपे ही मरते है । छोटी कहानी बड़ी सीख Cricket Update धन्यवाद  आपका नवीं