दिल से दिल तक सफर - दिल के टूटे ख्वाब
ये दिल भी तो बेचारा था
हर किसी को ये गवारा न था
हर किसी का हाथ दिल ने थामा था
हर किसी को अपना माना था
पर ये उन्हें रास न आना था।
हर किसी का ये दिल तोड़ कर जाना था
किसी ने अपने दोस्त का हाथ थामा था
तो किसी ने मेरे ही दोस्त को अपना माना था।
इस दिल ने उन सबको समझाना था
पर उन सबने ही हमको गैर माना था।
उनके जाने के बाद तो ये सिलसिला था
ये दिल खुद से खफा था और खुद से नाराज था।
इस दिल ने तो उन्हें बेवफा का नाम दिया था
पर उनके दोस्तों से पता चला कि उन्होंने हमे बेवफा का नाम दे डाला था।
इस दुःख भरी राह में दोस्तों ने संभाला था
और घरवालों का सहारा था।
जब जब दिल को कुछ समझ आता था
उससे पहले चाहने वाला बहुत दूर चला जाता था।
अब तो बस उस बेवफा को ये बताना था
तेरा पास आना मेरे लिए अच्छा था
तेरा दूर चले जाना भी अच्छा था
शायद ऊपर वाले ने हमारा साथ ही इतना लिखा था।
गांव की सभ्यता
इस दिल जिस जिस को दिल दिया
उसी ने मेरा साथ छोड़ दिया
और मुझे छोड़ कर किसी और को अपना बना लिया
फिर भी मैंने दिल को संभाल लिया
और फिर से मैंने मोहब्बत का नाम लिया
पर फिर भी मोहब्बत ने मुझे ठुकरा दिया
और मुझे ही बेवफा का नाम दिया।
मै उम्मीद करता हूँ की आपको दिल के टूटे ख्वाब पसंद आये होंगे, क्योकि हर कोई दिल लगाता है और हर किसी का एक न एक बार दिल टूट जाता है, बहुत ही कम खुसनसीब होंगे जिन्हे उनके दिल से चाहने वाल मिला। अगर आपको भी ऐसी कविता और कहानी लिखना अच्छा लगता है और आप पोस्ट करवाने चाहते हो तो हमे हमारी मेल पर भेजे npccolguy1@gmail.com हम आपकी उस कहानी और कविता को अपने ब्लॉग में लिखेंगे और पोस्ट करेंगे। आपका अपना ब्लॉग www.idealjaat.com
धन्यवाद
Nice👌👌.. really hurt touching ❤️
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