इश्क है तो जाहिर कर
बना कर चाय हाजिर कर
अदरक डाल या डाल इलायची
कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर।
इश्क़ है तो जाहिर कर
जिंदगी बहुत छोटी है
इसे ऐसे बर्बाद मत कर
जो भी दिल में है उसका इजहार कर। इश्क है तो जाहिर कर
अपनी मोहब्बत में मेरा नाम शामिल कर
इश्क के इंतिहा को तू पास कर
घर वालो से मेरे बारे में बात कर।
इश्क़ है तो जाहिर कर
सोच कर समय बर्बाद मत कर
प्यार कर इक़रार कर
दुनिया के सामने मुझे अपनाकर
अपने प्यार का नाम सरे आम कर। इश्क़ है तो जाहिर कर
पहले तू पढाई कर
घर वालो का रोशन नाम कर
फिर घर आ कर, मेरा हाथ थाम कर
मेरे घर वालो को शादी के लिए राजी कर।
इश्क़ है तो जाहिर कर
अपने रिश्ते पर भरोसा कर
बना कर चाय हाजिर कर
अदरक डाल या डाल इलायची
कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर। स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था
स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था
कहानियाँ
मेरे प्यारे दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ आपको यह कविता अच्छी लगी होगी , कृपया इसे शेयर करे अगर आपको पसंद आयी हो तो , और अगर आपकी भी कोई कविता है तो हमे बताये हम अपने ब्लॉग पर पोस्ट करेंगे। आपका अपना ब्लॉग www.idealjaat.com
धन्यवाद
आपका नवी
👏👏👏😃
ReplyDeleteNice 👍☺️☺️
ReplyDeleteGood job😤💯
ReplyDeleteGud
ReplyDeleteGreat!!
ReplyDelete