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मेरा गांव है शहर से निराला - गांव की सभ्यता

लेखिका - पूजा डबास  मेरा गांव है शहर से निराला    तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,  और तू मेरे गांव को गवार कहता है।   ऐ शहर मुझे तेरी औकात पता है,  तू चुल्लू भर पानी को वाटर पार्क कहता है।   थक गया हर शख्स काम करते करते , तू इसे अमीरी का बाजार कहता है।  गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास,  तेरी सारी फुरसत तेरा इतवार कहता है।   एक पिता और बेटी की कहानी  बड़े बड़े मसले हल करती है यहां पंचायते,  तू अंधी भ्र्ष्ट दलीलों को दरबार कहता है।  बैठ जाते है अपने पराये साथ बैलगाड़ी में , पूरा परिवार भी बैठ न पाए तू उसे कार कहता है।   अब बच्चे भी बड़ो का आदर भूल बैठे है , तू इस दौर को संस्कार कहता है।  गरीबी - एक तस्वीर में बयाँ होती हुई बच्चा जवान थैली और पाउडर का दूध पीकर होता है , मेरे गांव में भैंस और गाय का दूध पीकर जवान होता है।  तेरे यहां अंग्रेजी भाषा में बकबक करते है, और हम गांव की भाषा को समझते है।  जिन्दा है आज भी गांव में देश की संस्कृति,  तू भूल के सभ्यता खुद को तू शहर कहता है।    तू धूल से मुँह को ढकता है , हम आज भी मिटटी को सर माथे लगाते है।  तू किसान को ग्वार कहता है , और वही किसान अन

एक पिता और बेटी की कहानी - हर किसी की बेटी की इज्जत करो

एक पिता और बेटी की कहानी  पिता ने बेटी के सर पर  हाथ रख कर बोला  मैं तेरे लिए ऐसा पति खोज कर लाऊंगा  जो तुझे बहुत प्यार करे  तेरी भावनाओ का सम्मान करे,  तेरे सुख दुःख को समझ सके , तेरी आँखों में आँसू न आने दे , तेरी हर छोटी सी छोटी  ख्वाईशो को पूरा कर सके  बेटी ने पूछा:- ऐसा क्यों पापा ? पिता बोला :- बेटी हर बाप का सपना  होता है की उसकी बेटी को  राजकुमार जैसा पति मिले  जो उसे बहुत प्यार दे  और उसकी हमेशा खुश रखे  बेटी :- तो पापा नाना जी ने भी  आपको मम्मी का हाथ यही सोचकर दिया होगा  की आप भी राजकुमार हो  फिर आप मम्मी से हमेशा क्यों लड़ते और  उन्हें रुलाते हो , आप उन्हें कही बाहर भी नहीं ले जाते  और प्यार भी नहीं करते  और हमेशा मम्मी पर चिल्लाते रहते हो  क्या आप अच्छे वाले राजकुमार नहीं हो  ये सुन पिता को एहसास हुआ की  मुझे भी किसी ने राजकुमार समझ कर  अपने कलेजे का टुकड़ा सौपा दिया है  नौकरी करने वालो का फलसफा  आज खुद बाप बनने के बाद एहसास हुआ की  अगर अपने दिल के टुकड़े को सही हाथ में नहीं सौंपा  तो उसके दिल के टुकड़े हो जायेगे  जो कोई भी बाप नहीं सह पायेगा  इसलिए जैसा आप अ

गरीबी - एक तस्वीर में बयाँ होती हुई - गरीबी की मज़बूरी

लेखक -योगिता जैन  गरीबी - एक तस्वीर में बयाँ होती हुई एक तस्वीर गरीब की जो बहू रंगो से कलाकार ने सजाई थी , उसे खरीद कर ही मैंने अपनी बैठक में लगवाई थी।  कितना विशाल ह्रदय था मेरा कितना पुण्य कमाया था, एक गरीब का दर्द समझने अपना आँशिया सजाया था।  बड़े और ऊँचे पदों पर ऐसे ही गरीबी को समझाया जाता है  सरकार तो नहीं बदल रही लेकिन हालात को चित्र से बताया जाता है।  हम क्या कर सकते है हमारे हाथ तो मज़बूरी से बंधे है  देश में भूख गरीबी और अशिक्षा से कितने जन पीड़ित पड़े है।    दिल की डोर मैं सम्पन हु तो थोड़ा सा ही दान करके बहुत खुश होता हूँ  क्या यह सही मार्ग है देश की उन्नति का आज यह प्रश्न रखता हूँ।  मुझे तो ये दान लेना और देना दोनों ही बात गलत लगती है  कर्म प्रधान यह देश है मेरा फिर क्यों यहां भीख पलती है।  मंदिर बनवाने से अच्छा कोई औधोगिक क्रांति देश में लाये  किसी गरीब का बच्चा अपने देश में भूखा मर न पाए।  तस्वीर बनाने वाले तेरे हाथ में एक नयी क्रांति दिख जाये  किसी गरीब की तस्वीर अब किसी के घर में भी ना नज़र आये।  Rolex watch  Republic day offer  only -3999/-  whatsapp only-8527860859   थोड़ी

थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर

थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर  कभी थोड़ी ख़ुशी, कभी थोड़ा गम  कभी थोड़ा ज्यादा , कभी थोड़ा कम  कभी इतनी करीबी कभी इतना सितम  कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम... नौकरी करने वालो का जिंदगी का सफर - जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा बॉस की जी हुज़ूरी होगी (जिंदगी की बस यही रखो चाहत बॉस होना चाहिए मस्त) कभी सूर्य का बादलो से निकलना  कभी बादलो का जम के बरसना  कभी लहरों का किनारे को छूना  कभी छू कर वापिस गुजरना  यादो का आना और फिर बिखर जाना   किसी को भुला देना लेकिन फिर भी ख्वाबो में मिलना  किसी की जिंदगी में गूंज से आना  और बिना आहट चले जाना  देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम  कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।  दिल की डोर - दिल का रिश्ता (प्यार, इश्क़ और मोहब्बत) कभी चलते चलते कदमो का ठहरना  कभी ठहरे कदमो का फिर से गति पकड़ना  कभी तो सब कुछ मुक्क्दर पे छोड़ देना  तो कभी हिम्मत की डोर मजबूती से जोड़ लेना  कभी जीवन को कठिन समझना  कभी इतना सरल की जैसे रात और प्रभात का मिलना  कभी आँसुओ का शोलो  पे तड़पना  कभी मुस्कराहट का खिलखिला के बिखरना  देता है  थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम   कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।  2021 नया साल सबके लिए

नौकरी करने वालो का जिंदगी का सफर - जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा बॉस की जी हुज़ूरी होगी (जिंदगी की बस यही रखो चाहत बॉस होना चाहिए मस्त)

नौकरी करने वालो का जिंदगी  का सफर  हर किसी को है नौकरी की चाहत  जिसको मिले जाये उसको राहत  जिसको न मिले उसको आफत  किसी को सरकारी नौकरी की है चाहत  किसी को  प्राइवेट नौकरी की है चाहत  लेकिन हर किसी को है नौकरी की चाहत।  आपने ये जरूर सुना होगा की नौकरी मिलेगी तो क्या होगा  बदन पर सूट होगा पैर में बूट होगा  बंगला होगा गाड़ी होगी सलाम के लिए नौकर - चाकर होंगे और हाथो में गोरी का हाथ होगा ।  स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था पर ये वाला किसी ने नहीं सुना होगा  जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा  बॉस की हुज़ूरी होगी  हां जी की नौकरी होगी, ना जी का घर होगा और सर पर काम का भार भी होगा।   छोटे हमे सलाम करेंगे  और हम अपने से बड़ो को सलाम करेंगे  बॉस की एक कॉल पर हमे जाना होगा  उनके हर काम को हां करना होगा।  स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था  एक छुट्टी के लिए भी तरसना होगा  हर काम के लिए उनकी मंजूरी का इंतजार करना होगा  उनकी हर बात को अच्छे से सुनना होगा  और छोटी सी गलती पर भी प्यारे प्यारे शब्दों को सुनना होगा।   छुट्टी के लिए बहाना बनाना हो

दिल की डोर - दिल का रिश्ता (प्यार, इश्क़ और मोहब्बत)

 लेखक - नविन मेहता  दिल की डोर - दिल का रिश्ता  दिल से बंधी है दिल की डोर  अपना रिश्ता हो न कमजोर  वादा है अपना होंगे न दूर  हो जाये कितना भी मजबूर ! निकले तो सफर अनजाने चले  तुम्हे जीवन का सार बनाने चले  बाँध के प्यारा सा बंधन तुमसे  जहाँ के रिश्ते  निभाने चले !   नए साल पर कविता - 2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास   तेरे आने से  जीवन में बहार आ गई  खिल गए मन के फूल जो थी मुरझा गयी  मैं अक्सर उलझ जाता था बातो में  अब तुम मेरी सारी गुत्थी सुलझा गयी ! खूबसूरती तेरी चाँद जैसी  थी अनजानी अब मेहमान जैसी  एकपल बिन तेरे अब रहा न जाये  तेरी अदा न जाने कैसा जादू चलाये ! तेरे लिए मैं कोई गीत गुनगुनाऊं हो पसंद तुम्हे वो कहानी सुनाऊ  कभी ना आए जो नींद तुम्हे  में अपनी बाहों ले तुझे सुलाऊ ! स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था तुम्हारी खामोशी पर मैं खामोश हो जाऊ  तुम रूठो कभी तो मैं प्यार से तुम्हे मनाऊ  तुम नादान सी मेरी कुछ मत सुनना  फिर तुझे गले लगाकर मैं तुझे समझाऊ ! तुम गुजरोगी जिस रास्ते से मैं फूल बिझाऊगा  मीठी मीठी बातो से तेरा दिल बहलाऊंगा  कोशिस ऐसी के कभी आँखों में आंसू न आए

2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास - नए साल पर कविता (इस साल कुछ खा सकरके दिखाते है इस दुनिया को नया इतिहास रच कर दिखाते है)

नए साल पर कविता - 2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास  देखो आ गया नया साल  इसे कहते है 2021 का साल  क्योकि 2020 में सबका हुआ था बुरा हाल  सब लोग हुए थे बेहाल  बहुत से लोगो के थे खराब हाल  कुछ लोग थे खुशाल  लेकिन अब  आ गया नया साल  इसे कहते है हम 2021 का साल।    इस  साल से बहुत से लोग लगाए बैठे है आस  ये साल बन जाये उनके लिए खास  किसी को नौकरी की तलाश  किसी को है घर की तलाश  सबको है बस यही विश्वाश   कोरोना का होगा  विनाश।  इशक है तो  ज़ाहिर कर - इश्क़ के मीठे बोल    इस साल कुछ खाश करके दिखाते है  इस दुनिया को नया इतिहास रच कर दिखाते है  सबको एकता का पाठ पढ़ाते है  चलो अपने देश को आगे बढ़ाते है  जात पात ऊंच नीच से सबको दूर ले चलते है  इंसान को इंसानियत का मतलब समझाते है  चलो सब मिलकर 2021 को खाश बनाते है।    दिल से दिल के रिश्ते निभाते है  अपनों को अपनापन दिखाते है  सब गिले शिकवे भूल जाते है  अपनों से अपना रिश्ता निभाते है  हर किसी को उनका हक़ दिलवाते है।  मातृभूमि को सर माथे लगाते  है  जवानो को नए साल पर कुछ तोहफे भिजवाते है  हम सब उनकी परवाह करते है  ये एहसास उन्हें दिलाते है चलो सब मिलकर 2021

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्ट मैच ,भारत ने की 1-1 की बराबरी , भारत की टीम ऑस्ट्रेलिया पर पड़ी भारी

भारत और ऑस्ट्रेलिया की 4 टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत ने 1-1 से बराबर की। भारत  ने  ऑस्ट्रेलिया को मेलबर्न में खेले गए बॉक्सिंग-डे टेस्ट में 8 विकेट से शिकस्त दी। टीम इंडिया पिछले 6 साल से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉक्सिंग-डे टेस्ट में हारी नहीं है। पिछली बार दिसंबर 2018 को मेलबर्न टेस्ट में ही भारत ने मेजबान को 137 रन से हराया था। जबकि दिसंबर 2014 में इसी मैदान पर बॉक्सिंग-डे टेस्ट ड्रॉ रहा था।   भारत ने दो  नए प्लेयर को दिया मौका  दूसरे टेस्ट मैच में भारत ने दो नए प्लेयर को पहली बार टेस्ट में खेलने का मौका दिया और दोनों ने ही इस मौके को खूब भुनाया और भारत की तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया।  पहले तो शुभमण गिल जो ओपनिंग करने उतरे और दोनों परियो में उन्होंने कमाल दिखया ऐसा लग ही नहीं रहा है की यह  उनका पहला मैच और वो मैदान पर बिना किसी दबाव के उतरे।  वही दूसरी और मोह्हमद सिराज भी पहली बार भारत की तरफ से टेस्ट मैच खलेने उतरे मैदान पर और उन्होंने भी अपनी बोलिंग से खूब कमाल दिखाया।   क्रिकेट की खबरे  दूसरे टेस्ट का स्कोरबोर्ड देखे 42 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया की सबसे धीमी घरेलू पारी  मैच में ट

Story of Princess Grace

Written by Nikita Sejwal Story Of Princess Grace         Once upon a time when squirrels scurried across the manicured lawn of the royal garden Niara, picking up the avocados from the ground, that is when our story begins- the story of Princess Grace. It is on that sunny day, that the Princess sat at an open window, looking out upon her garden of blooming flowers as the light of the sun painted her skin warm. At the door stood her young cousin, Stacey, watching her with a frown on her brow. Princess Grace was the kindest, the most polite and the most loving person in all of the kingdom... whereas Stacey was the exact opposite. She despised Princess Grace, even though it was the Princess's parents who had brought her up as their child and loved her as much as they loved their daughter. The very thought of Grace becoming the queen one day made her clench her teeth. Price Ryan: Such a beautiful kingdom! Price Ryan's squirrel: Indeed! That's Price Ryan of the neighbouring kingd