माँ की ममता का एहसास यह कविता उनके लिए है जिन्होंने अपने माँ को खो दिया लेकिन उनकी ममता का एहसास आज भी उनके साथ है। माँ तेरे बारे में क्या लिखू मैं तो खुद तेरी ही लिखावट हूँ। जब जब माँ की बात होती है मेरी आँखों में नमी होती है दिल में एक खलबली होती है दिमाग में हलचल होती है बस सोच यही होती है काश माँ आज भी तू मेरे पास होती। माँ की दूर जाने की कमी तो हमेशा खलती है पर माँ की मौजूदगी हमेशा साथ होती है। माँ इस संसार की ऐसी मूर्त होती है उनकी सूरत इस दिल में बसी होती है माँ अपने बच्चो को इतना मजबूत बनाती है कि जब माँ बच्चो से दूर चली जाती है यही मजबूती तो बच्चो को जीना सिखाती है माँ के दूर जाने की तकलीफ तो बच्चो को होती है पर उस तकलीफ से लड़ना भी माँ की मूर्त ही सिखाती है। माँ तो सबके लिए एक अजीम तौफा होती है उस अजीम तौफे की कीमत माँ के जाने के बाद ही समझ आती है दुनिया से जाना तो एक दिन सबको होता है लेकिन माँ का बच्चो को छोड़कर जाना क्यों जरुरी होता है बच्चो की यही शिकायत हमेशा भगवान से होती है। सोशल मीडिया पर लिखने या पोस्ट डालने से माँ की इज्जत नहीं होती है
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