पति पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल और प्यारा होता है



पति पत्नी के बीच का रिश्ता बहुत ही अनमोल और प्यारा होता है

शादी के बाद दो इंसान पति पत्नी के रिश्ते में जुड़ते है और इस रिश्ते के साथ दोनों को एक नया परिवार भी मिलता है। और शादी के बाद पत्नी अपने घर परिवार को छोड़ कर पति के साथ रहने चली जाती है और यही से इनके नए जीवन की शुरुरात होती है।  चाहे प्यार  करके शादी हो या फिर घर वालो  की मर्जी से पर नयी जिंदगी की शुरुआत तो शादी के बंधन में बंधने से ही होती है।  यह सब तो आपको पता ही है चलो अब पति पत्नी के बिच के सहयोग और रहने के तरिके की बात करते है। 

शादी के बाद पति पत्नी का जीवन बदल जाता है

शादी के बाद दोनों की इच्छाएं बदल जाती है और सोच समझ में बदलाव आ जाता है , क्योकि शादी से पहले दोनों ही अकेले और अपने माता पिता के साथ रहे है और दोनों ने अपनी जिंदगी खुल कर जी है।  लेकिन शादी के बाद अब दोनों को एक दूसरे के पसंद और ना पंसद को ध्यान रखना दोनों को आपस में एक दूसरे की हर बात का पता होना चाहिए और एक  दूसरे से कोई गिले शिकवे नहीं  होने चाहिए। 

पत्नी की पति से शिकायते 

पति पत्नी का रिश्ता मजबूत के साथ साथ बहुत नाजुक भी होता है , और इस रिश्ते में दोनों को समझदारी और सूझ बुझ से काम लेना चाहिए।  ज्यादातर पत्नी की पति से शिकायते रहती है जैसे :-

  • वह उसके लिए काम समय निकालता है। 
  • वह सारी अपनी माँ की बात मानता है। 
  • वह शादी के कुछ साल बाद घुमाने  बहुत  कम ले जाता है। 
  • वह दोस्तों के साथ ज्यादा समय बिताता  है। 
  • अब पहले की तरह सरप्राइज नहीं देता है। 

पति की पत्नी से शिकायते जैसे :-

  • अब तुम मेरी बात नहीं सुनती हो। 
  • छोटी छोटी बातो पर गुस्सा करती हो। 
  •  पहले की तरह मेरे साथ बैठ कर बाते नहीं करती। 
  • अपने घर जाने की जिद करती हो। 

पति को शादी के बाद सूझ बुझ से कैसे काम लेना चाहिए 

जब शादी होती है तो पत्नी के लिए पति का घर एक दम नया जैसा होता है वह घर में सबको जानती तो है लेकिन सबसे घुल मिलने में समय लगता है।  क्योकि उस घर में उसे उस घर के तौर तरीके से चलना पड़ता है , जो की उसके लिए सबसे कठिन काम होता है और इस बात पर उसे सासु माँ की डाट भी पड़ती है।  यह पति को पत्नी उस घर के तौर तरीके सिखाने चाहिए और साथ में मिलकर काम करवाने में सहयोग ही करना चाहिए। पति को दोस्तों से ज्यादा पत्नी को समय देना चाहिए क्योकि वह कभी कभी अपने घर को बहुत याद करती है और ऐसे समय में अगर पति साथ हो तो उसे घर की काम याद आयेगी।   अगर पति गुस्से वाला है तो उसे थोड़ा गुस्से पर काबू करना चाहिए और अगर पत्नी को गुस्सा ही करना है तो सबके सामने नहीं अपने कमरे में ले जा कर करे और गुस्से में गाली गलोच  प्रयोग ना करे और गुस्सा भी ऐसा की घरवालों को पता भी ना चले की आप दोनों की बीच कोई नोक झोक चल रही है।  और पति को समय समय पर पत्नी को बाहर घूमने ले जाना चाहिए थोड़ा रोमांटिक होना चाहिए और पत्नी को कभी कभी सरप्राइज भी देने चाहिए।  जिससे वह बहुत खुश होगी और अगर दोनों के बीच कोई अनबन होगी तो वह नार्मल हो जाएगी। 

दिल से दिल तक का सफर 

पत्नी को शादी के बाद कैसे सूझ बुझ कर काम लेना चाहिए। 

सबसे पहले तो पत्नी को शादी के बाद  ये मानना पड़ेगा की मैं अब इस घर की हो गयी तो मुझे अब यहां के रीती रिवाज अपनाने पड़ेगे। और उस परिवार में रहने वालो का दिल जितना होगा।  ये कहने में आसान लगता है पर बड़ा मुश्किल होता है पर कोशिश तो करनी चाहिए।  कुछ लड़कियों को अपनी सासु माँ अच्छी लगती है क्योकि उनकी सासु माँ उन्हें रोक टोक नहीं करती है।  लेकिन बहुत लड़कियों को उनकी सासु माँ अच्छी नहीं लगती क्योकि वो हर बात पर रोक टॉक करती है।  सबसे पहले तो मैं उन नयी नवेली पत्नियों को ये समझाऊंगा की लड़की अपने घर से सीख कर आती है लेकिन ज़िंदगी का असली मतलब उनकी सासु माँ ही सिखाती है।  कुछ की ज्यादा खड़ूस होती है लेकिन उन्हें उनका दिल जीत कर रखना चाहिए।  सबसे जरूरी बात की शादी के बाद आपको अपनी माँ की हर बात को नहीं मानना चाहिए , क्योकि जब तक आप अपनी माँ से  हर बात शेयर करोगे आपके सुसराल में झगड़े होते रहेंगे क्योकि कुछ बाते छुपाने में ही रिश्ते को बचाया जा सकता है क्योकि कोई भी माँ नहीं चाहती की उसकी बेटी सुसराल में किसी तकलीफ में हो, तो कुछ बाते छुपाने में ही बेहतरी है। 

बच्चे होने के बाद पति पत्नी के बीच दूरिया 

अक्सर बच्चे के  होने बाद हर पति पत्नी में दूरिया होने लगती है और कई दम्पतियो की ये दूरिया तकरार में बदल जाती है दोनों ही  समझ नहीं पाते की ऐसा क्यों हो रहा है। क्योकि जब बच्चे होते है पत्नी का प्यार बच्चे के लिए उमड़ जाता है और वह पति पर कम ध्यान दे पति है क्योकि  पत्नी उस बच्चे में इतनी खो जाती है कि वह पति की तरफ ध्यान नहीं दे पाती और ऐसे समय में पति को समझदारी और शांति से  काम लेना चाहिए क्योकि उसे ये समझना पड़ेगा की उसकी पत्नी उस छोटी से जान के लिए उसे ज्यादा समय नहीं दे पाती।  प्यार तो पति भी उस बच्चे को उतना  ही करता है लेकिन वह ऑफिस और दोस्तों के समय बिता कर आता है और थोड़ा समय बच्चे के साथ देकर सो जाता है।  लेकिन वह भूल जाता की उसकी पत्नी  पूरा दिन बच्चे के साथ रहती है वह कही घूम भी नहीं पति अपने परिवार वालो से भी बात नहीं कर पाती और तो और वह कई बार अच्छे से सो नहीं पाती जिसकी वजह से वह चिड़चिड़ी हो जाती है और पति पत्नी के बीच झगड़े होने लगते है तो ऐसे समय में पति को समझना पड़ेगा की वह अपनी पत्नी की मदद कैसे कर सकता है और उसे कैसे खुश करे और पत्नी को समझना पड़ेगा की उसका पति उससे थोड़ा सा प्यार ही तो चाहता है तो वह उसका ख्याल रखे। 

माँ मेरा अभिमान और मेरा स्वाभिमान 

हम जिंदगी को कभी अकेले नहीं जी सकते ये कहना आसान लगता है की हमारे दोस्त है परिवार है लेकिन असली जिंदगी भर चलने वाला उसका जीवन साथी ही होता है , चाहे वह आपस में कितना भी लड़े झगड़े , प्यार करे , नफरत करे , या अपनी जिंदगी का हर बुरा और अच्छा समय एक साथ बिताये।  इन सब बातो का एहसास जब होता है जब आपका जीवनसाथी आपसे हमेशा के लिए दूर चला जाये।  और फिर आपको उसके साथ बिताये हर लम्हे याद आते है क्योकि बुढ़ापे में बस जीवनसाथी का सहारा होता है।  तो आप सबसे यही गुजारिश की जिंदगी का क्या पता आज है कल नहीं तो जब तक जी रहे हो अपने जीवनसाथी को खुश रखे  और उन्हें पूरा प्यार और इज्जत दे की उन्हें किसी और की कमी महसूस ही ना हो। 


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धनयवाद 

आपका नवी 

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