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दिल की डोर - दिल का रिश्ता (प्यार, इश्क़ और मोहब्बत)

 लेखक - नविन मेहता  दिल की डोर - दिल का रिश्ता  दिल से बंधी है दिल की डोर  अपना रिश्ता हो न कमजोर  वादा है अपना होंगे न दूर  हो जाये कितना भी मजबूर ! निकले तो सफर अनजाने चले  तुम्हे जीवन का सार बनाने चले  बाँध के प्यारा सा बंधन तुमसे  जहाँ के रिश्ते  निभाने चले !   नए साल पर कविता - 2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास   तेरे आने से  जीवन में बहार आ गई  खिल गए मन के फूल जो थी मुरझा गयी  मैं अक्सर उलझ जाता था बातो में  अब तुम मेरी सारी गुत्थी सुलझा गयी ! खूबसूरती तेरी चाँद जैसी  थी अनजानी अब मेहमान जैसी  एकपल बिन तेरे अब रहा न जाये  तेरी अदा न जाने कैसा जादू चलाये ! तेरे लिए मैं कोई गीत गुनगुनाऊं हो पसंद तुम्हे वो कहानी सुनाऊ  कभी ना आए जो नींद तुम्हे  में अपनी बाहों ले तुझे सुलाऊ ! स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था तुम्हारी खामोशी पर मैं खामोश हो जाऊ  तुम रूठो कभी तो मैं प्यार से तुम्हे मनाऊ  तुम नादान सी मेरी कुछ मत सुनना  फिर तुझे गले लगाकर मैं तुझे समझाऊ ! तुम गुजरोगी जिस रास्ते से मैं फूल बिझाऊगा  मीठी मीठी बातो से तेरा दिल बहलाऊंगा  कोशिस ऐसी के कभी आँखों में आंसू न आए

2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास - नए साल पर कविता (इस साल कुछ खा सकरके दिखाते है इस दुनिया को नया इतिहास रच कर दिखाते है)

नए साल पर कविता - 2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास  देखो आ गया नया साल  इसे कहते है 2021 का साल  क्योकि 2020 में सबका हुआ था बुरा हाल  सब लोग हुए थे बेहाल  बहुत से लोगो के थे खराब हाल  कुछ लोग थे खुशाल  लेकिन अब  आ गया नया साल  इसे कहते है हम 2021 का साल।    इस  साल से बहुत से लोग लगाए बैठे है आस  ये साल बन जाये उनके लिए खास  किसी को नौकरी की तलाश  किसी को है घर की तलाश  सबको है बस यही विश्वाश   कोरोना का होगा  विनाश।  इशक है तो  ज़ाहिर कर - इश्क़ के मीठे बोल    इस साल कुछ खाश करके दिखाते है  इस दुनिया को नया इतिहास रच कर दिखाते है  सबको एकता का पाठ पढ़ाते है  चलो अपने देश को आगे बढ़ाते है  जात पात ऊंच नीच से सबको दूर ले चलते है  इंसान को इंसानियत का मतलब समझाते है  चलो सब मिलकर 2021 को खाश बनाते है।    दिल से दिल के रिश्ते निभाते है  अपनों को अपनापन दिखाते है  सब गिले शिकवे भूल जाते है  अपनों से अपना रिश्ता निभाते है  हर किसी को उनका हक़ दिलवाते है।  मातृभूमि को सर माथे लगाते  है  जवानो को नए साल पर कुछ तोहफे भिजवाते है  हम सब उनकी परवाह करते है  ये एहसास उन्हें दिलाते है चलो सब मिलकर 2021

इश्क है तो जाहिर कर , इश्क़ के मीठे बोल, इश्क़

इश्क़ के मीठे बोल इश्क है तो जाहिर कर बना कर चाय हाजिर कर  अदरक डाल या डाल इलायची  कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर।  इश्क़ है तो जाहिर कर  जिंदगी बहुत छोटी है  इसे ऐसे बर्बाद मत कर  जो भी दिल में है उसका इजहार कर।    इश्क है तो जाहिर कर   अपनी मोहब्बत में मेरा नाम शामिल कर इश्क के इंतिहा को तू पास कर  घर वालो से मेरे बारे में बात कर।  इश्क़ है तो जाहिर कर  सोच कर समय बर्बाद मत कर प्यार कर इक़रार कर  दुनिया के सामने मुझे अपनाकर  अपने प्यार का नाम सरे आम कर।   इश्क़ है तो जाहिर कर  पहले तू पढाई कर  घर वालो का रोशन नाम कर  फिर घर आ कर, मेरा हाथ थाम कर  मेरे घर वालो को शादी के लिए राजी कर।    इश्क़ है तो जाहिर कर अपने रिश्ते पर भरोसा कर बना कर चाय हाजिर कर अदरक डाल या डाल इलायची  कूट कर मोहब्बत भी शामिल कर।    क्रिकेट की खबरे  स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था  स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था कहानियाँ    मेरे प्यारे दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ आपको यह कविता अच्छी लगी होगी , कृपया इसे शेयर करे अगर आपको पसंद आयी हो तो , और अगर आपक

स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था ,

स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , न कोई टेंशन, न बाहर वालो का डर था,   मौज मस्ती और पढ़ाई में  गुजरे दिन थे , उन  दिनों  घरवाले समझते थे,  बस बेटा एक बार स्कूल पास कर लो,  उसके बाद तो जिंदगी में  स्कून ही स्कून है ,  पर उन्होंने यह नहीं बताया की उसके बाद की जिंदगी कैसी होती है ,  और जब स्कूल पास किया तो जिंदगी का फलसफा समझ आता है,   अब जिंदगी सरल नहीं कठिन होने वाली है,   अब तो जिंदगी में भूचाल सा आ रहा है,  सब दोस्त अलग होते जा रहे रहे है,  सबकी मंजिल और रस्ते बदल रहे है,  दोस्तों का साथ भी छूट रहा  है और नए दोस्त भी मिल रहे  है,  स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था , अब तो  सब अपनी दिखावटी जिंदगी में व्यस्त होते जा रहे  है,   कोई खुद की सुन रहा  है कोई परिवार और कोई रिश्तेदारों की सुन रहा  है,  कोई अपना लक्ष्य बदल रहा है कोई लक्ष्य के पीछे भाग रहा है,  पर किसी को  नहीं पता था की स्कूल के बाद की जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर ले जा रही है ,  इस दौरान कुछ अनजान शहर और कुछ अनजान देश में जा रहे है,  कोई कॉलेज की जिंदगी जी रहा  है

स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था

स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था वो भी क्या दिन थे स्कूल का दौर था, यारो की  महफ़िल थी और जिंदगी मौज में थी, प्रेयर तो होती थी लेकिन हम कभी प्रेयर में नहीं होते थे, टाई के नाम पर फंदा दे रखा था, लेकिन मेरे यारो ने उसका खेल बना रखा था , मुझे याद है मेरे यारो में किसी को टाई बांधनी भी नहीं आती थी, लंच टाइम से पहले हम अपना लंच खा जाते थे, फिर लंच में सबका लंच छीन कर खाते थे, होमवर्क कभी किया नहीं था, अगर किसी ने किया तो उसकी कॉपी मिलती नहीं थी,  क्लास की लड़कियों से होमवर्क करवाते थे क्योकि हमे मौज मस्ती भी करनी होती थी , मॉनिटर की जगह क्लास में हमारी चलती थी, हिस्ट्री और इंग्लिश का पीरियड हमेशा गोल होता था, क्योकि हिस्ट्री की क्लास में नींद आती थी, और इंग्लिश का होमवर्क नहीं होता था, कभी कभी बुक होते हुए भी बोल देते थे की आज बुक नहीं लाये  क्योकि इस बहाने सारे दोस्त क्लास से एक साथ बाहर होते थे , दोस्तों के नाम अजीबो गरीब होते थे, जैसे कोई पागल, बंदर, बकरी, लाम्बा, तरनुम, नाटा, स्टीम इंजिन  ये सब वो नाम थे जिनको असली नाम के बदले इन सब नामो से जाना जाता था, और सबसे अच्छी बात

Poem on Job- बड़ी हसीन होगी तू ऐ नौकरी सारे युवा आज तुझपे ही मरते हैं

 नौकरी  बड़ी हसीन होगी तू ऐ नौकरी  सारे युवा आज तुझपे  ही मरते हैं  सुख चैन खोकर चटाई पर सोकर  सारी रात जग कर पन्ने पलटते है  दिन में लहरी और रात को मैगी  चाय और सिगरेट के शौकीन होकर  आधे पेट ही खाकर  तेरा नाम जपते है  सारे युवा आज तुझपर ही मरते है । एक शहर से दूसरे शहर बस नौकरी तलाशने जाते है  अनजान शहर में छोटा सस्ता रूम लेकर  किचन बैडरूम सब उसी में सहेज कर  चाहत में तेरी अपने माँ बाप से दूर रहते है और वही के बन कर रह जाते है  सारे युवा आज तुझपर ही मरते है । राशन की गठरी सर पर उठाये  अपनी मायूसी और मजबूरियाँ खुद ही छुपाए खचाखच भरी ट्रेन मे बिना टिकट के रिस्क लेके आज सफ़र करते हैं  सारे युवा आज तुझपर ही मरते हैं।  इन्टरनेट अखबारो मे तुझको तलाशते  तेरे लिए पत्र पत्रिकाएं पढ़ते पढ़ते  बत्तीस साल के जवान कुँवारे फिरते है  तेरी एक हा के इंतजार मे  रात रात भर पलकों को भी नहीं झपकते है । तू कितनी हसीन है ऐ नौकरी  सारे युवा आज तुझपे ही मरते है । छोटी कहानी बड़ी सीख Cricket Update धन्यवाद  आपका नवीं