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थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर

थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर 



कभी थोड़ी ख़ुशी, कभी थोड़ा गम 

कभी थोड़ा ज्यादा , कभी थोड़ा कम 

कभी इतनी करीबी कभी इतना सितम 

कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम...

नौकरी करने वालो का जिंदगी का सफर - जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा बॉस की जी हुज़ूरी होगी (जिंदगी की बस यही रखो चाहत बॉस होना चाहिए मस्त)

कभी सूर्य का बादलो से निकलना 

कभी बादलो का जम के बरसना 

कभी लहरों का किनारे को छूना 

कभी छू कर वापिस गुजरना 

यादो का आना और फिर बिखर जाना 

 किसी को भुला देना लेकिन फिर भी ख्वाबो में मिलना 

किसी की जिंदगी में गूंज से आना 

और बिना आहट चले जाना 

देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम 

कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम। 

दिल की डोर - दिल का रिश्ता (प्यार, इश्क़ और मोहब्बत)

कभी चलते चलते कदमो का ठहरना 

कभी ठहरे कदमो का फिर से गति पकड़ना 

कभी तो सब कुछ मुक्क्दर पे छोड़ देना 

तो कभी हिम्मत की डोर मजबूती से जोड़ लेना 

कभी जीवन को कठिन समझना 

कभी इतना सरल की जैसे रात और प्रभात का मिलना 

कभी आँसुओ का शोलो  पे तड़पना 

कभी मुस्कराहट का खिलखिला के बिखरना 

देता है  थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम 

 कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम। 

2021 नया साल सबके लिए हो कुछ खास - नए साल पर कविता (इस साल कुछ खास करके दिखाते है इस दुनिया को नया इतिहास रच कर दिखाते है)

कभी उलझनों का मुझसे लिपटना 

कभी रातो का खुद ही निकलना 

कभी ठंडी हवाओं का धीरे से चलना 

कभी समुद्र के गहरे तूफ़ान में फंसना 

कभी अनजानी डगर पे  किसी से मिलना 

कभी सबसे मिलकर भी खामोश रहना 

कभी जीवन की सच्चाई को जान लेना 

और कभी खुद को भी न पहचानना 

देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम 

कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।   

आपको हमारी यह कविता पसंद आये तो इसे शेयर जरूर करे और आप भी ऐसी कविता और कहानी लिखते है और पोस्ट करवाने चाहते हो तो हमे हमारी मेल पर भेजे npccolguy1@gmail.com हम आपकी उस कहानी और कविता को अपने ब्लॉग में लिखेंगे और पोस्ट करेंगे। आपका अपना ब्लॉग www.idealjaat.com 




धन्यवाद 

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