التخطي إلى المحتوى الرئيسي

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पहला टेस्ट मैच और भारत ने खाई मुँह की, 96 साल में पहली बार एक पारी में 10 रन नहीं बना सके बल्लेबाज

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पहला टेस्ट मैच और भारत ने खाई मुँह की 

ऑस्ट्रेलिया  और भारत के बीच 4 टेस्ट मैच सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 1 मैच जीत कर बढ़त हासिल कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में खेले गए डे-नाइट टेस्ट में भारतीय टीम को 8 विकेट से हरा दिया। और इस हार के साथ भारतीय कप्तान विराट का भी एक रिकॉर्ड टूट गया।  कोहली टेस्ट में पहली बार टॉस जीत कर  मैच हरे है उन्होंने 2015 में टेस्ट की कप्तानी संभाली थी।  जब से अभी तक उन्होंने 26 मैच टॉस  जीता है और इनमे से उन्होंने 21 टेस्ट मैच में जीत हासिल की है और 4 मैच ड्रा रहे और यह वाला मैच में उन्हें हार मिली अपनी कप्तानी में और इस प्रकार टॉस जीत कर मैच जितने का सिलसला टूट गया  कप्तान कोहली का। 

टीम इंडिया की अपने दूसरे और विदेश में पहले पिंक बॉल टेस्ट में यह पहली हार है। भारत ने पहले डे-नाइट टेस्ट में अपने घर में पिछले साल बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराया था और विदेश में पहले पिंक बॉल टेस्ट में यह पहली हार है। भारत ने पहले डे-नाइट टेस्ट में अपने घर में पिछले साल बांग्लादेश को पारी और 46 रन से हराया था। 



स्कोरबोर्ड देखे 

क्रिकेट की  खबरे 

कप्तान कोहली टॉस जीता और  पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया 

कप्तान कोहली का टॉस जीत कर बल्लेबाजी का फैसला इस बार उन पर भरी पड़ गया।  और भारत को हार का सामना करना पड़ा। पहली पारी में बल्लेबाजी करने उतरे पृथ्वी और मयंक इस टीम में न ही रोहित और न ही धवन।  और इनकी ओपनिंग बल्लेबाजी सफल नहीं हुई और  पृथ्वी बिना खाता खोले ही चलते बने स्टार्क की दूसरी गेंद पर वह बोल्ड हुए और यह पहला ओवर ही था और न ही भारतीय टीम का खाता खुला और न ही पृथ्वी का। इसके बाद मयंक भी कुछ कमाल नहीं दिखा पाए और वह भी 17 रन बनाकर कम्मिंस की गेंद पर बोल्ड हुए। उसके बाद पुजारा और कोहली ने टीम को संभाला और पुजारा 43 रन बनाकर आउट हुए।  इसके बाद रहाणे ने कोहली का साथ दिया।  इसके बाद कोहली की बदकिस्मती थी और वह रन आउट हुए 74 रन बनाकर।  इसके बाद रहाणे का साथ न ही हनुमान विहारी और न ही कीपर साह ने दिया रहाणे ने 42 बनाये और स्टार्क की गेंद पर एलबीडबल्यू आउट हुए। 

पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया बॉलर स्टार्क और कम्मिंस ने अच्छी बोलिंग की स्टार्क ने 4 विकेट लिए और कम्मिंस ने 3 विकेट लिए। 



ऑस्ट्रेलिया और भारत का तीसरा टी-20 मैच 

भारत ने ऑस्ट्रलिया को पहली पारी में 191 पर समेटा और बढ़त हासिल की 

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 191 पर समेत दिया और 93 रन  की बढ़त हासिल की।  पहली  पारी में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से कप्तान पैने ने और लाबुसचग्ने ने अच्छी बल्लेबाजी की और ऑस्ट्रेलिया को 191 रन तक पहुँचाया लबसचग्ने ने 47 रन बनाये और कप्तान पैने 73 रन बनाकर नाबाद रहे। पैने का साथ उनके बोलर्स स्टार्क (15 ) ल्योन (10) और हाजेलवुड ने 8 बनाकर दिया।ऑस्ट्रेलिया की इस पारी में भारत ने 5 आसान से कैच छोड़े। 

पहली पारी में भारत की तरफ से अश्विन और उमेश ने अच्छी गेंदबाजी की और अश्विन ने 4 उमेश ने 3 और बुमराह ने 2 विकेट चटकाए।  

स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी ज़िंदगी मौज में थी 

भारतीय टीम दूसरी पारी में 36 रन ही बना सकी और अपना ही रिकॉर्ड तोडा  

भारतीय टीम दूसरी पारी में 9 विकेट गंवाकर 36 रन ही बना सकी और ऑस्ट्रेलिया को 90 रन का टारगेट दिया था। भारत की पारी में आखिर में मोहम्मद शमी चोटिल होकर रिटायर हुए थे। ये भारत के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे छोटा स्कोर रहा। इससे पहले भारतीय टीम का टेस्ट क्रिकेट में सबसे कम स्कोर 42 रन का था, जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लॉ‌र्ड्स में 1974 में बनाए थे। उस वक्त भारतीय टीम 17 ओवर में ऑल आउट हो गई थी। और दूसरी पारी में  भारतीय टीम का कोई भी प्लेयर 10 रन का आकड़ा भी छू नहीं सका। सीनियर खिलाडी पुजारा कोहली और रहाणे से थी उम्मीद लेकिन उन्होंहने भी निराश किया भारतीय टीम और दर्शको को।  

कमिंस ने भारतीय टीम को पस्त किया  और हेजलवुड ने भारत की आधी टीम समेटी

तीसरे दिन भारतीय टीम ने एक विकेट पर 9 रन से आगे खेलना शुरू किया। इसके बाद टीम ने 10 रन बनाने में 5 विकेट गंवा दिए। इसमें तेज गेंदबाज पैट कमिंस ने 4 विकेट लिए। कमिंस ने तीसरे दिन की शुरुआत में जसप्रीत बुमराह (2) को अपनी ही बॉल पर कैच लेकर पवेलियन भेजा। उन्होंने भारत को तीसरा झटका चेतेश्वर पुजारा के रूप में दिया। पुजारा बिना खाता खोले कमिंस की बॉल पर विकेटकीपर पेन के हाथों कैच आउट हुए।कप्तान विराट कोहली 4 रन बनाकर पैट कमिंस की बॉल पर आउट हुए। कैमरून ग्रीन ने उनका कैच लिया। कमिंस ने दूसरा दिन खत्म होने से पहले पृथ्वी शॉ को बोल्ड किया था। वही दूसरी तरफ  तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड ने 5 विकेट लेकर भारत का मिडिल ऑर्डर ढहाया। मयंक अग्रवाल 40 बॉल में 9 रन बनाकर आउट हुए। हेजलवुड की बॉल पर विकेटकीपर टिम पेन ने उनका कैच लिया। इसके बाद हेजलवुड ने अजिंक्य रहाणे को बिना खाता खोले पवेलियन भेजा। विकेटकीपर पेन ने उनका कैच लिया। ऋद्धिमान साहा 4 रन बनाकर जोश हेजलवुड की बॉल पर आउट हुए। 

ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में दो विकेट गँवा कर जीत हासिल की

भारतीय गेंदबाजी ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में कोई  कमाल नहीं दिखा सकी और छोटा सा स्कोर ऑस्ट्रेलिया ने बस दो विकेट खोकर हासिल कर लिया।  इसमें  वेड तो रन आउट हुए साह  के द्वारा 33 रन बनाकर और लाबुसचग्ने को अश्विन ने सस्ते में आउट किया ओपनिंग में आये बर्न्स और वेड ही मैच को निकल  थे  और बर्न्स ने नाबाद 51 रन बनाये।   

टिम पेन प्लेयर ऑफ द मैच रहे

ऑस्ट्रेलिया अब तक डे-नाइट टेस्ट नहीं हारी 

ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 8 पिंक बॉल टेस्ट खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है। टीम ने सभी मैच अपने घर में ही खेले हैं। इस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 191 रन बनाए थे और लीड नहीं ले सकी थी। ऐसा पहली बार हुआ, जब ऑस्ट्रेलिया डे-नाइट टेस्ट में बाद में बैटिंग करते हुए पहली पारी में लीड नहीं ले सकी।

रिकॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अब तक कुल 99 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इसमें भारत ने 28 और ऑस्ट्रेलिया ने 43 मैच जीते हैं। जबकि 27 मैच ड्रॉ और 1 बेनतीजा रहा। वहीं ऑस्ट्रेलिया में दोनों के बीच 49 मैच खेले गए। इसमें से भारत ने सिर्फ 7 और ऑस्ट्रेलिया ने 30 मैचों में जीत हासिल की। 12 मैच ड्रॉ रहे।



कहानिया पढ़े 

96 साल में पहली बार एक पारी में 10 रन नहीं बना सके बल्लेबाज

टेस्ट इतिहास में 96 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब एक पारी में किसी टीम का कोई भी बल्लेबाज 10 रन नहीं बना सका। पिछली बार 1924 में इंग्लैंड के खिलाफ साउथ अफ्रीका टीम का कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू सका था।

आपका अपना ब्लॉग www.idealjaat.com , आप यंहा क्रिकेट की खबरे कविता और कहानिया पढ़ सकते है। 

धनयवाद 

आपका नवी 


تعليقات

المشاركات الشائعة من هذه المدونة

संघर्ष ही जीवन है

 संघर्ष ही जीवन है  संघर्ष (struggle) ये अक्षर दिखने में छोटा सा है , परन्तु यह जीवन का हिस्सा है या समझ लीजिये की संघर्ष का नाम ही जीवन है , मनुष्य  या फिर पशु पक्षी हर किसी  का जीवन एक संघर्ष है | अगर हम सरल शब्दों में संघर्ष को परिभाषित करे तो हम सब संघर्ष से घिरे हुए और जो सफलता या  सीख मिलती है वो संघर्ष की ही देन है |  संघर्ष जीवन को निखारता, संवारता  व तराशता  हैं और गढ़कर ऐसा बना देता  हैं, जिसकी प्रशंसा करते जबान थकती नहीं। संघर्ष हमें जीवन का अनुभव कराता  हैं, सतत सक्रिय बनाता  हैं और हमें जीना सिखाता  हैं। संघर्ष का दामन थामकर न केवल हम आगे बढ़ते हैं, बल्कि जीवन जीने के सही अंदाज़ को – आनंद को अनुभव कर पाते हैं। SELFISH HUMANS - HOW TO DEAL WITH SELFISH HUMANS ? संघर्ष सफलता की कुंजी संघर्ष जीवन का वह मूलमंत्र है जिसका अनुभव हर कोई व्यक्ति करता  है और संसार में बहुत ही कम व्यक्ति होंगे जो इसका  अनुभव पाने से वंचित रहे  हो , समाज में हर कोई नाम, शोहरत, पैसा , इज्जत कमाना या फिर पढ़ाई में अव्वल होना  चाहे जो भी लक्ष्य हो वह बिना संघर्ष  के अधूरा है! संघर्ष जीवन में उतार - चढ़ाव का

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी - अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत उन्हें मिला ही देती है

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी  किसी  ने सच ही कहा है अगर आप किसी को सच्चे दि ल से चाहो तो कायनात भी उसे आपसे मिलाने में  जुट जाती है। और अगर किस्मत भी साथ दे दे तो वो आपको जरूर मिल जाता है।   यह कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे दो प्यार करने  वाले एक दूसरे से जुदा होने के बाद भी मिल जाते है।  यह कहानी और कहानियो की तरह नहीं है।  इस कहानी में किस्मत दो प्यार करने वालो को फिर से मिलाती  है।  और उन दोनों को भी नहीं पता था  कि वो दोनों जिंदगी में दुबारे मिल पाएंगे।  चलो अब हम कहानी की शुरआत करते है इस कहानी को पूरा पढ़ना जब ही आपको समझ आएगा की प्यार  किसे कहते और उसका पास होने का और जुड़ा होने का एहसास कैसा होता है।  राज और काजल दिल्ली के एक ही कॉलेज में पढ़ते है, दोनों की कॉलेज में दोस्ती हो जाती है।  और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है।  राज और काजल एक दूसरे को अच्छे से समझने लगते है , और  उन दोनों का समय के साथ साथ दोस्ती और  प्यार बढ़ता जाता है। कॉलेज का आखिरी पड़ाव था और दोनों अब एक दूसरे से अलग हो रहे थे दोनों बेचैन थे की आगे वो मिल पाएंगे या नहीं उनकी जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर

छोटी कहानी बड़ी सीख

  छोटी कहानी बड़ी सीख  🖊 लेखक नविन  एकबार एक चोर ने कसम खाई के जिंदगी में मैं कभी झूठ नहीं बोलूंगा।  परन्तु पेशे से वो तो चोर था।  और आप सब जानते है की झूठ तो चोर का सबसे महत्वपूर्ण हथियार होता है।   एकदिन वो अपनी तीन चार गधो पर समान के गट्ठर रखे हुए जा रहा था रास्ते में पुलिस चेक पोस्ट पड़ी उसके पास एक दरोगा आया और पूछा। की तुम कोन हो और क्या करते हो। सामने से जवाब मिला नसरुद्दीन हूँ  और चोरी करता हूँ।  दरोगा हैरान हो गया उसने सरे गट्ठर खुलवाए और चेक किया ज्यादा कुछ मिला नहीं सिवाय कुछ लकड़ियों के।  उसने नसरुद्दीन को जाने दिया।  कुछ दिनों बाद नसरुद्दीन फिर वही चेक पोस्ट पार कर रहा था।  फिर वही दरोगा मिला और पूछा अब भी चोरी करते हो क्या ? नसरुद्दीन ने कहा हां चोर हूँ तो चोरी ही करूंगा।  दरोगा ने फिर से सारा समान खुलवाया और चेक किया और फिर से कुछ नहीं मिला।  ये सिलसिला पुरे 20 सालो तक चलता रहा, वो दरोगा रिटायर हो गया लेकिन उसे यही एक बात खलती रही की चोर्ने समने से कुबूल किया के वो चोर है फिर भी वो कुछ बरामद नहीं क्र पाया चोरी साबित नहीं कर पाया।   Cricket Update एकदिन नसरुद्दीन दरोगा जी