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Special Women day - ज़िंदगी की खूबसूरत कहानी है औरत

 ज़िंदगी की खूबसूरत कहानी है औरत  औरत की कहानी सबकी ज़ुबानी  उपरवाले ने धरती पर एक खूबसूरत तोहफा दिया जिसे हम सबने औरत का नाम दिया।  औरत को अपनाया तो सबने लेकिन किसी ने इसे अपनी पलकों पर बिठाया तो किसी ने जूती की धूल समझ कर ठुकराया।  किसी ने औरत को घर में बिठाया तो किसी ने तिरिस्कार करके घर से निकला।  समय समय पर औरत ने अपनी हिम्मत का परिचय दिया और साबित किया की हमारे बिना इस संसार का कोई वज़ूद नहीं है।  पत्नी जीवन संगनी का रूप  औरत के रूप  इस संसार में औरत को अनेको रूपों में बुलाया गया है , जब जन्म लिया तो बेटी के रूप में जाना गया , जब शादी हुई तो बहू के रूप में , जब बच्चे को जन्म दिया तो माँ के रूप में , जब बेटे के पत्नी घर आयी तो साँस का नाम मिला।  इसी तरह औरत को अलग अलग किरदार में देखा जाता है।  जिसका अपना कोई  घर नहीं होता है।  बस समय समय पर उसके घर और किरदार बदलते जाते है।   हर दुःख दर्द को सहकर वो मुस्कुराती है  पत्थर की दीवारों को वो घर बनाती है  उसकी मुस्कुराहट ही घर को स्वर्ग बनाती है  दुनिया उसे कमजोर बताते है  लेकिन वही इस कमज़ोर दुनिया को जीना सिखाती है।  दुनिया के सामने मजबूत

मनुष्य में मानवता व इंसानियत (Humanity is important in humans)

मानवता व  इंसानियत से बढ़कर कुछ नहीं  अवश्य पढें आपकी आँखें छलक जायेंगी   मानवता व इंसानियत किसी की बपौती नहीं है।  वासु भाई और वीणा बेन गुजरात के एक शहर में रहते हैं। आज दोनों यात्रा की तैयारी कर रहे थे। 3 दिन का अवकाश था वे पेशे से चिकित्सक (Doctor) थे ।लंबा अवकाश नहीं ले सकते थे ।परंतु जब भी दो-तीन दिन का अवकाश मिलता ,छोटी यात्रा पर कहीं चले जाते हैं। आज उनका इंदौर - उज्जैन जाने का विचार था। दोनों साथ-साथ मेडिकल कॉलेज में पढ़ते थे, वहीं पर प्रेम अंकुरित हुआ ,और बढ़ते - बढ़ते वृक्ष बना। दोनों ने परिवार की स्वीकृति से विवाह किया। दो (2) साल हो गए ,संतान कोई थी नहीं, इसलिए जब भी मौका मिलता यात्रा का आनंद लेते रहते थे। विवाह के बाद दोनों ने अपना निजी अस्पताल खोलने का फैसला किया, बैंक से लोन लिया। वीणा  बेन स्त्री रोग विशेषज्ञ और वासु भाई डाक्टर आफ मेडिसिन थे। इसलिए दोनों की कुशलता के कारण अस्पताल अच्छा चल निकला था। Read full article 👇 Allergy in Corona period आज दोनों ने इंदौर जाने का कार्यक्रम बनाया था। जब  मेडिकल कॉलेज में पढ़ते थे वासु भाई ने  इंदौर के बारे में बहुत सुना था। दोनों  ख