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عرض المشاركات من يوليو, ٢٠٢٠

मनुष्य की इच्छाएं असीमित और अन्नंत

मनुष्य की इच्छाएं असीमित और अन्नंत  मनुष्य को भगवान ने ऐसा बनाया है की वह  सोचने समझने  और उसे करने की शक्ति रखता है , उस तरह से मनुष्य इच्छाएं भी रखता है , हमे यहां इच्छाओ का अर्थ समझ लेना  चाहिए क्युकी  इच्छाएं के कई रूप होते है जैसे चाह की वस्तु, इच्छा, कामना , अभिलाषा , मन्नत , तमन्ना, आरजू, मर्जी अन्य ! और मनुष्य इन सभी को पाना चाहता है , और इन्हे पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता है!  भगवान् ने मनुष्य का सवभाव ही ऐसा बनाया है की उसकी इच्छाएं  कभी खतम नहीं होती है ! इच्छाएं करना स्वभाविक  मनुष्य का स्वभाव ही ऐसा है , कि इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती और मनुष्य इच्छाओ  को मरने नहीं देता ,  वह हर समय किसी न किसी वस्तु चाह की कामना करता रहता है ,  क्युकी किसी वस्तु की कामना, अभिलाषा या आरजू करना उसके लिए स्वभाविक है या कह सकते है की यह उसके स्वभाव में है ! एक आम मनुष्य के पास सब कुछ होता है जो  उसे चाहिए होता है जैसे रोटी, कपड़ा , मकान और थोड़ा बहुत खाना एक छोटा परिवार उसे में वो अपनी खुशिया ढूंढ लेता है ! लेकिन इच्छाएं मनुष्य मन  रहती है जैसे वो काम करके पै

हमारे जीवन में महिलाओ का महत्व

महिलाओं की महत्वपूर्णता  हमारे जीवन मतलब मनुष्य के जीवन में महिलाओ का बहुत मत्वपूर्ण भाग है , क्युकी महिलाएं हर घर  परिवार में एक मत्वपूर्ण भूमिका निभाती है ! महिलाओ के बिना हर कोई अधूरा है , इनकी अपने आप में ही अलग महत्वपूर्णता है  , हम इनकी भूमिका पुराणों , इतिहास में देखते आये है और वर्तमान में भी देख रहे है!  महिलाओ के रूप  महिलाओ को अनेक रूपों में देखा जाता है आम मनुष्य की जिंदगी में कभी तो यह माँ की भूमिका निभाती है तो कभी बहन , कभी बेटी, कभी बहु, कभी पत्नी , कभी साँस   और भी बहुत सारे रूपों में इनकी भूमिका है  ! महिलाओ की आम मनुष्य के जीवन में भूमिका  हमने अपने इतिहास में सुना है की महिलाओ को पुरुषो की पैरो की जूती बोला जाता है और आज भी ग्रामो में कई जगह महिलाओ को पुरुषो से निचे माना जाता है , लेकिन इतिहास में भी महिलाओ की अपनी अलग पहचान थी और आज भी है क्युकी अगर महिलाएं बच्चो को जन्म न दे तो पुरुष कहा से आयगे और इतिहास में महिलाओ का हर कदम पर अपमान होता था लेकिन फिर भी वह पुरुष और अपने परिवार के साथ कदम मिलाकर चलती थी ! एक समय था जब सती का दौर चलता था उस स