मनुष्य की इच्छाएं असीमित और अन्नंत मनुष्य को भगवान ने ऐसा बनाया है की वह सोचने समझने और उसे करने की शक्ति रखता है , उस तरह से मनुष्य इच्छाएं भी रखता है , हमे यहां इच्छाओ का अर्थ समझ लेना चाहिए क्युकी इच्छाएं के कई रूप होते है जैसे चाह की वस्तु, इच्छा, कामना , अभिलाषा , मन्नत , तमन्ना, आरजू, मर्जी अन्य ! और मनुष्य इन सभी को पाना चाहता है , और इन्हे पाने के लिए वह कुछ भी करने को तैयार रहता है! भगवान् ने मनुष्य का सवभाव ही ऐसा बनाया है की उसकी इच्छाएं कभी खतम नहीं होती है ! इच्छाएं करना स्वभाविक मनुष्य का स्वभाव ही ऐसा है , कि इच्छाएं मनुष्य को जीने नहीं देती और मनुष्य इच्छाओ को मरने नहीं देता , वह हर समय किसी न किसी वस्तु चाह की कामना करता रहता है , क्युकी किसी वस्तु की कामना, अभिलाषा या आरजू करना उसके लिए स्वभाविक है या कह सकते है की यह उसके स्वभाव में है ! एक आम मनुष्य के पास सब कुछ होता है जो उसे चाहिए होता है जैसे रोटी, कपड़ा , मकान और थोड़ा बहुत खाना एक छोटा परिवार उसे में वो अपनी खुशिया ढूंढ लेता है ! लेकिन इच्छाएं मनुष्य मन रहती है जैसे वो काम करके पै
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