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Special Women day - ज़िंदगी की खूबसूरत कहानी है औरत

 ज़िंदगी की खूबसूरत कहानी है औरत  औरत की कहानी सबकी ज़ुबानी  उपरवाले ने धरती पर एक खूबसूरत तोहफा दिया जिसे हम सबने औरत का नाम दिया।  औरत को अपनाया तो सबने लेकिन किसी ने इसे अपनी पलकों पर बिठाया तो किसी ने जूती की धूल समझ कर ठुकराया।  किसी ने औरत को घर में बिठाया तो किसी ने तिरिस्कार करके घर से निकला।  समय समय पर औरत ने अपनी हिम्मत का परिचय दिया और साबित किया की हमारे बिना इस संसार का कोई वज़ूद नहीं है।  पत्नी जीवन संगनी का रूप  औरत के रूप  इस संसार में औरत को अनेको रूपों में बुलाया गया है , जब जन्म लिया तो बेटी के रूप में जाना गया , जब शादी हुई तो बहू के रूप में , जब बच्चे को जन्म दिया तो माँ के रूप में , जब बेटे के पत्नी घर आयी तो साँस का नाम मिला।  इसी तरह औरत को अलग अलग किरदार में देखा जाता है।  जिसका अपना कोई  घर नहीं होता है।  बस समय समय पर उसके घर और किरदार बदलते जाते है।   हर दुःख दर्द को सहकर वो मुस्कुराती है  पत्थर की दीवारों को वो घर बनाती है  उसकी मुस्कुराहट ही घर को स्वर्ग बनाती है  दुनिया उसे कमजोर बताते है  लेकिन वही इस कमज़ोर दुनिया को जीना सिखाती है।  दुनिया के सामने मजबूत

Women Day Special - महिला दिवस पर कुछ खास

लेखक - धुर्वील  जिनसे इनका सृजन होता है उनको ये गंदगी कहते है , रक्त के उन लाल बूंदो को ये मामूली कहते है।  पांच दिन उससे अछूत की तरह घृणा का व्यवहार करते है कैसे ये मासिक होने को शर्मसार कर अपने अस्तित्व का उपहास करते है।  पीरियड्स महावारी रजस्वला आखिर क्या  है ये बला ? तुम जो अपनी मर्दानगी  पर इतना  इतराते हो  दरअसल बाप तुम इस क्रिया से ही बन पाते हो।   कुछ मर्दो को नहीं है जरा सी तमीज उनके लिए है ये बस उपहास  की चीज।   हम 21 वी सदी जी रहे है  चाँद का नूर पी रहे है  पर विस्पर आज भी पैक करके दिया जाता है।  जीवनसाथी हो ऐसा राधा कृष्णा के प्यार जैसा  जैसे हमे कोई छूत की बीमारी है  ऐसे हमे सबसे अलग कर दिया जाता है  चुपचाप दर्द पीना सीखा देते है  किसी को पता न चले घर में  ये भी समझा देते है।  भाई पूछता है की पूजा क्यों नहीं की  तो उसे सर झुकाकर समझाना पड़ता है  चाहे दर्द में रोती रहू  पर पापा को देखकर मुस्कुराना पड़ता है।  दिल से दिल तक का सफर  पेट के निचले हिस्से को जैसे कोई निचोड़ देता है  कमर और जांघ की हड्डिया जैसे कोई तोड़ देता है  खून की रिस्ति बून्द के साथ तड़पती हूँ मैं  और जिसे तुमने