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नौकरी करने वालो का जिंदगी का सफर - जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा बॉस की जी हुज़ूरी होगी (जिंदगी की बस यही रखो चाहत बॉस होना चाहिए मस्त)

नौकरी करने वालो का जिंदगी  का सफर  हर किसी को है नौकरी की चाहत  जिसको मिले जाये उसको राहत  जिसको न मिले उसको आफत  किसी को सरकारी नौकरी की है चाहत  किसी को  प्राइवेट नौकरी की है चाहत  लेकिन हर किसी को है नौकरी की चाहत।  आपने ये जरूर सुना होगा की नौकरी मिलेगी तो क्या होगा  बदन पर सूट होगा पैर में बूट होगा  बंगला होगा गाड़ी होगी सलाम के लिए नौकर - चाकर होंगे और हाथो में गोरी का हाथ होगा ।  स्कूल की मस्ती, यारो की महफ़िल, वो भी क्या दौर था पर ये वाला किसी ने नहीं सुना होगा  जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा  बॉस की हुज़ूरी होगी  हां जी की नौकरी होगी, ना जी का घर होगा और सर पर काम का भार भी होगा।   छोटे हमे सलाम करेंगे  और हम अपने से बड़ो को सलाम करेंगे  बॉस की एक कॉल पर हमे जाना होगा  उनके हर काम को हां करना होगा।  स्कूल के बाद की जिंदगी का फलसफा, स्कूल का दौर था यारो की महफ़िल थी वो भी क्या दौर था  एक छुट्टी के लिए भी तरसना होगा  हर काम के लिए उनकी मंजूरी का इंतजार करना होगा  उनकी हर बात को अच्छे से सुनना होगा  और छोटी सी गलती पर भी प्यारे प्यारे शब्दों को सुनना होगा।   छुट्टी के लिए बहाना बनाना हो