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Father Saahb - पिता के बहुत खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए

पिता के बहुत खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए       मेरे कंधे पर बैठा मेरा बेटा  जब मेरे कंधे पर खड़ा हो गया  मुझसे ही कहने लगा  देखो पापा मैं तुमसे बड़ा हो गया   मैंने कहा बेटा इस गलतफ़हमी में भले ही जगड़े रहना  मगर मेरा हाथ पकडे रहना  जिस दिन यह हाथ छूट जायेगा  बेटा तेरा रंगीन सपना भी टूट जायेगा  दुनिया वास्तव में उतनी हसीन नहीं है  देख तेरे पांव तले अभी जमीन नहीं है  मैं तो बाप हूँ बेटा बहुत खुश हो जाऊंगा  जिस दिन तू वास्तव में बड़ा हो जायेगा  मगर बेटे कंधे पर नहीं  जब तू जमीन पर खड़ा हो जायेगा  ये बाप तुझे सब कुछ अपना दे जायेगा  और तेरे कंधे पर इस दुनिया से चला जायेगा  read now 👉 Humanity is Important in Humans Allergy in the Corona Period  Selfish Humans and Selfish World Feticide is a Sin Poetry and Poem Stories  आपको यह कविता 'पिता के खूबसूरत अल्फाज अपने बच्चे के लिए ' पसंद आयी है तो इसे कमेंट और शेयर जरूर करे।  एक पिता अपने बच्चे को हर तरह से खुश रखना चाहता है और उसकी हर ख्वाइश पूरी करता है।  यह हम सब जानते है।  हमे अपने पापा के लिए वह सब कुछ करना चाहिए जो हमसे हो सके।   अ