बेटी को बचाओ देश को बढ़ाओ - भूर्णहत्या पाप है भाग -1 यह छोटी से कहानी हमारे सामाजिक तत्वों पर आधारित है। किस प्रकार हमारा समाज किसी कन्या को जन्म लेने से पहले उनकी हत्या करवा देता है दूसरे शब्दों में कहे तो भूर्णहत्या। हमारे समाज और देश ने विकास तो कर लिया है लेकिन अभी तक पुराने विचारो से बाहर नहीं निकल पाए। हम कह तो देते है की लड़की और लड़का एक समान है लेकिन फिर भी उस लड़की को इस दुनिया में आने ही नहीं दिया जाता। आज भी कई स्थान ऐसे है जहां कन्या को जन्म ही नहीं लेने दिया जाता है। यह कहानी है एक गांव में रहने वाले रूढ़िवादी परिवार की और उसमे रह रहे सदस्यों के विचारो की। उस परिवार की उस गाँव में बहुत इज्जत थी और अच्छे पैसे वाले भी थे। उनके एक बेटा (रमेश) और बेटी (सीमा) थी , बेटा रमेश बड़ा था और वह अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने पिता के साथ उनकी फैक्टरी में उनका साथ देने लगा। रमेश की उम्र शादी करने की हो गयी थी। और अब उनके परिवार वाले रमेश की शादी के लिए लड़की देखने लगे। धीरे धीरे एक साल बीत गया और रमेश के दूर शहर की लड़की पसंद आ गयी। परिवार वालो ने रमेश की शादी कर दी धूम धाम से।
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