थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर
कभी थोड़ी ख़ुशी, कभी थोड़ा गम
कभी थोड़ा ज्यादा , कभी थोड़ा कम
कभी इतनी करीबी कभी इतना सितम
कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम...
कभी सूर्य का बादलो से निकलना
कभी बादलो का जम के बरसना
कभी लहरों का किनारे को छूना
कभी छू कर वापिस गुजरना
यादो का आना और फिर बिखर जाना
किसी को भुला देना लेकिन फिर भी ख्वाबो में मिलना
किसी की जिंदगी में गूंज से आना
और बिना आहट चले जाना
देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम
कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।
कभी चलते चलते कदमो का ठहरना
कभी ठहरे कदमो का फिर से गति पकड़ना
कभी तो सब कुछ मुक्क्दर पे छोड़ देना
तो कभी हिम्मत की डोर मजबूती से जोड़ लेना
कभी जीवन को कठिन समझना
कभी इतना सरल की जैसे रात और प्रभात का मिलना
कभी आँसुओ का शोलो पे तड़पना
कभी मुस्कराहट का खिलखिला के बिखरना
देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम
कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।
कभी उलझनों का मुझसे लिपटना
कभी रातो का खुद ही निकलना
कभी ठंडी हवाओं का धीरे से चलना
कभी समुद्र के गहरे तूफ़ान में फंसना
कभी अनजानी डगर पे किसी से मिलना
कभी सबसे मिलकर भी खामोश रहना
कभी जीवन की सच्चाई को जान लेना
और कभी खुद को भी न पहचानना
देता है थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम
कभी थोड़ा ज्यादा कभी थोड़ा कम।
Nice :)
ردحذفBeautiful
ردحذفThank you so much nikita ji
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