التخطي إلى المحتوى الرئيسي

भारत और ऑस्ट्रेलिया का पहला टी-20 मैच - पहला मैच जीत कर ऑस्ट्रेलिया को डाला संकट में

भारत और ऑस्ट्रेलिया का पहला टी-20 मैच 

भारत  ने ऑस्ट्रेलिया को 3 टी-20 की सीरीज के पहले मैच में 11 रन से हरा दिया और आखिरी वनडे मैच जीत कर सिलसला जारी रखा । टीम इंडिया की यह टी-20 में लगातार 8वीं जीत है। टीम को पिछली बार 8 दिसंबर 2019 को वेस्टइंडीज ने हराया था। । इसके बाद भारत कोई टी-20 मैच नहीं हारा। वहीं, भारत की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह 2 हार के बाद पहली जीता है। पिछले मुकाबले में 27 फरवरी 2019 को ऑस्ट्रेलिया ने 7 विकेट से शिकस्त दी थी।



स्कोरबोर्ड देखे यहाँ 

फोटो ने मैच का रोमांच ले 

ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और पहले बोलिंग का फैसला 

ऑस्ट्रलिया ने टॉस जीता लेकिन मैच जितने विफल हो गए।  ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर भारत को बल्लेबाजी करने को मौका दिया। 

नई जर्सी पहनकर उतरे ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर
टी-20 सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई प्लेयर खास तौर पर डिजाइन की गई स्वदेशी जर्सी पहनकर उतरे थे। यह जर्सी 1868 की ऑस्ट्रेलियाई टीम को सम्मान देने के लिए तैयार की गई। इसे आंटी फियोन क्लार्क और कॉर्टनी हेगन ने डिजाइन किया।

टीम इंडिया ने 162 रन का टारगेट दिया

कैनबरा टी-20 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 162 रन का टारगेट दिया था। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई टीम 7 विकेट गंवाकर 150 रन ही बना सकी। टीम के लिए कप्तान एरॉन फिंच ने सबसे ज्यादा 35 रन की पारी खेली। वहीं भारत के लिए युजवेंद्र चहल और टी नटराजन ने 3-3 विकेट झटके। चहल को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

भारत की ओपनिंग पर एक बार फिर सवाल 

ओपनिंग करने उतरे  धवन और राहुल लेकिन धवन इस मैच में सस्ते में ही चलते बने धवन स्टार्क की गेंद पर बोल्ड हो गए और मात्र 1 रन ही बना पाए। भारत अपनी ओपनिंग की ले ढूंढ़ने में लगी हुई है क्योकि भारत का वनडे सीरीज हरने का कारण ही ओपनिंग पार्टनरशिप थी और टी-20 में भी वही दिखा। 

4 प्लेयर 10 आकड़ा भी नहीं छू पाए 

इस मैच में भारत के 4  प्लेयर तो 10 का अकड़ा भी नहीं छू पाए इसमें पहले आते है धवन और उसके बाद भारतीय कप्तान उन्होंने भी मात्र 9 रन बनाये और मनीष पांडेय को स्थान दिया इस मैच में लेकिन वो भी कुछ कमाल नहीं कर पाए और 2 रन बनाकर आउट हो गए वही स्पिनर सूंदर 7 रन बनाकर आउट  हुए।  

राहुल और जडेजा ने टीम को संभाला 

ओपनिंग पर आये राहुल ने टीम को सम्भला जब धवन और कोहली जल्दी आउट हो गए तो टीम में अपना योगदान दिया उन्होंने 51 रन बनाये और अपने करियर की 12 फिफ्टी लगायी  40 गेंद जिसमे 5 चौके और 1 छक्का शामिल था उसके बाद सेमसन ने 23 रन बनाये और और हार्दिक पंड्या भी कुछ कमाल नहीं दिखा पाए पंड्या ने 16 रन बनाये और उसके बाद आलराउंडर जडेजा ने टीम को अच्छे स्कोर पर पहुंचाया जडेजा 23 गेंद पर 44 रन बनाकर नाबाद रहे। 

हेनरिक्स ने भारत को 3 झटके दिए

ऑस्ट्रेलियाई बॉलर मोइसेस हेनरिक्स ने भारत को 3 झटके दिए। स्टार्क  ने 2 विकेट लिए और ज़म्पा और स्वेप्सन ने 1-1  विकेट लिए। 

क्रिकेट की खबरे आपके अपने ब्लॉग पर WWW.IDEALJAAT.COM

ओपनिंग अच्छी होने के बाद ऑस्ट्रेलिया हारी 

ऑस्ट्रेलिया ने अच्छी शुरुआत दी पहले विकेट उनकी 56 रन पर गिरी पहली विकेट के रूप में फिंच आउट हुए उन्होंने 26 गेंद पर 34  रन बनाये उसके बाद स्मीथ  चलते बने उसने 12 रन बनाये। 

चहल और नटराजन के झटकों से नहीं संभल सकी ऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया के लिए एरॉन फिंच और डी'आर्की शॉर्ट ने 56 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप कर शानदार शुरुआत दी थी। इसके बाद चहल ने फिंच और स्टीव स्मिथ (12) को आउट कर बड़ा झटका दिया। इससे ऑस्ट्रेलिया संभल ही रही थी कि डेब्यू मैच खेल रहे टी नटराजन ने ग्लेन मैक्सवेल (2) और डी'आर्की शॉर्ट (34) को आउट कर ढेर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया इन झटकों से उबर ही नहीं सकी और मैच गंवा दिया।

डेब्यू मैच में नटराजन ने 3 बड़े विकेट लिए

नटराजन ने डेब्यू मैच में 3 विकेट लिए। उन्होंने ग्लेन मैक्सवेल को LBW किया। इस तेज गेंदबाज का अपने इस डेब्यू मैच में यह पहला विकेट रहा। उन्होंने अपनी 9वीं बॉल पर यह सफलता हासिल की। इसके बाद डी'आर्की शॉर्ट को हार्दिक पंड्या के हाथों कैच आउट कराया। आखिर में नटराजन ने मिचेल स्टार्क (1) को क्लीन बोल्ड किया। मैच से पहले जसप्रीत बुमराह ने नटराजन के टीम इंडिया की कैप दी थी।

जडेजा की जगह चहल कन्कशन सब्सटिट्यूट उतरे

भारत की पारी के दौरान 19वें ओवर में बल्लेबाज जडेजा को हैम-स्ट्रिंग की शिकायत हुई। इसके बाद उन्होंने बल्लेबाजी की और 46 रन की पारी भी खेली। इनिंग के बाद वे फील्डिंग के लिए नहीं आए। उनकी जगह युजवेंद्र चहल कन्कशन सब्सटिट्यूट के तौर पर मैदान पर आए। इस नियम के तहत बैट्समैन की जगह बैट्समैन और बॉलर की जगह बॉलर ही प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा सकता है। चहल ने जडेजा की जगह बॉलिंग की। और चहल मैन ऑफ़ प्लेयर बने। 


धन्यवाद 

تعليقات

المشاركات الشائعة من هذه المدونة

संघर्ष ही जीवन है

 संघर्ष ही जीवन है  संघर्ष (struggle) ये अक्षर दिखने में छोटा सा है , परन्तु यह जीवन का हिस्सा है या समझ लीजिये की संघर्ष का नाम ही जीवन है , मनुष्य  या फिर पशु पक्षी हर किसी  का जीवन एक संघर्ष है | अगर हम सरल शब्दों में संघर्ष को परिभाषित करे तो हम सब संघर्ष से घिरे हुए और जो सफलता या  सीख मिलती है वो संघर्ष की ही देन है |  संघर्ष जीवन को निखारता, संवारता  व तराशता  हैं और गढ़कर ऐसा बना देता  हैं, जिसकी प्रशंसा करते जबान थकती नहीं। संघर्ष हमें जीवन का अनुभव कराता  हैं, सतत सक्रिय बनाता  हैं और हमें जीना सिखाता  हैं। संघर्ष का दामन थामकर न केवल हम आगे बढ़ते हैं, बल्कि जीवन जीने के सही अंदाज़ को – आनंद को अनुभव कर पाते हैं। SELFISH HUMANS - HOW TO DEAL WITH SELFISH HUMANS ? संघर्ष सफलता की कुंजी संघर्ष जीवन का वह मूलमंत्र है जिसका अनुभव हर कोई व्यक्ति करता  है और संसार में बहुत ही कम व्यक्ति होंगे जो इसका  अनुभव पाने से वंचित रहे  हो , समाज में हर कोई नाम, शोहरत, पैसा , इज्जत कमाना या फिर पढ़ाई में अव्वल होना  चाहे जो भी लक्ष्य हो वह बिना संघर्ष  के अधूरा है! संघर्ष जीवन में उतार - चढ़ाव का

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी - अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत उन्हें मिला ही देती है

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी  किसी  ने सच ही कहा है अगर आप किसी को सच्चे दि ल से चाहो तो कायनात भी उसे आपसे मिलाने में  जुट जाती है। और अगर किस्मत भी साथ दे दे तो वो आपको जरूर मिल जाता है।   यह कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे दो प्यार करने  वाले एक दूसरे से जुदा होने के बाद भी मिल जाते है।  यह कहानी और कहानियो की तरह नहीं है।  इस कहानी में किस्मत दो प्यार करने वालो को फिर से मिलाती  है।  और उन दोनों को भी नहीं पता था  कि वो दोनों जिंदगी में दुबारे मिल पाएंगे।  चलो अब हम कहानी की शुरआत करते है इस कहानी को पूरा पढ़ना जब ही आपको समझ आएगा की प्यार  किसे कहते और उसका पास होने का और जुड़ा होने का एहसास कैसा होता है।  राज और काजल दिल्ली के एक ही कॉलेज में पढ़ते है, दोनों की कॉलेज में दोस्ती हो जाती है।  और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है।  राज और काजल एक दूसरे को अच्छे से समझने लगते है , और  उन दोनों का समय के साथ साथ दोस्ती और  प्यार बढ़ता जाता है। कॉलेज का आखिरी पड़ाव था और दोनों अब एक दूसरे से अलग हो रहे थे दोनों बेचैन थे की आगे वो मिल पाएंगे या नहीं उनकी जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर

छोटी कहानी बड़ी सीख

  छोटी कहानी बड़ी सीख  🖊 लेखक नविन  एकबार एक चोर ने कसम खाई के जिंदगी में मैं कभी झूठ नहीं बोलूंगा।  परन्तु पेशे से वो तो चोर था।  और आप सब जानते है की झूठ तो चोर का सबसे महत्वपूर्ण हथियार होता है।   एकदिन वो अपनी तीन चार गधो पर समान के गट्ठर रखे हुए जा रहा था रास्ते में पुलिस चेक पोस्ट पड़ी उसके पास एक दरोगा आया और पूछा। की तुम कोन हो और क्या करते हो। सामने से जवाब मिला नसरुद्दीन हूँ  और चोरी करता हूँ।  दरोगा हैरान हो गया उसने सरे गट्ठर खुलवाए और चेक किया ज्यादा कुछ मिला नहीं सिवाय कुछ लकड़ियों के।  उसने नसरुद्दीन को जाने दिया।  कुछ दिनों बाद नसरुद्दीन फिर वही चेक पोस्ट पार कर रहा था।  फिर वही दरोगा मिला और पूछा अब भी चोरी करते हो क्या ? नसरुद्दीन ने कहा हां चोर हूँ तो चोरी ही करूंगा।  दरोगा ने फिर से सारा समान खुलवाया और चेक किया और फिर से कुछ नहीं मिला।  ये सिलसिला पुरे 20 सालो तक चलता रहा, वो दरोगा रिटायर हो गया लेकिन उसे यही एक बात खलती रही की चोर्ने समने से कुबूल किया के वो चोर है फिर भी वो कुछ बरामद नहीं क्र पाया चोरी साबित नहीं कर पाया।   Cricket Update एकदिन नसरुद्दीन दरोगा जी