Arrange Marriage
जिन्हे हम जानते भी नहीं थे
उन्हें अपना जीवन साथी बनाया है हमने
इस रिश्ते को दिल से अपनाया है हमने
परिवार की ख़ुशी में खुद को ढाला है हमने
जब ही तो इस Arranged Marriage दिल से निभाया है हमने
उस अजनबी के साथ जीवन भर रहने की कशम खाई है हमने
बचपन से जिन माता पिता के साथ रहे
एक झटके में ही उनसे दूर हो गए
देखते ही देखते उनके घर भी एक माता पिता और बन गए
कोई उन्हें सास ससुर कहता है
उन्हें माता पिता के रूप में अपनाया है हमने
कुछ महीने तो जी नहीं लगता है
मन करता है यहाँ से भाग जाऊं
अपने बचपन के माता पिता के पास लौट जाऊ
फिर इस दिल को संभालना पड़ता है
आंसूं बहाकर खुद को रोकना पड़ता है
माँ के कहने पर हर रिश्ते को गहराई से जाना है हमने
इस सफर में हमसफ़र अच्छा मिल जाए तो
सारे गीले सिकवे मिट जाते है
हर कठिन सफर को सरलता से पार कर लेते है
क्योकि उस हमसर ने कभी गले लगा कर समझाया हमें
कभी गोदी में लिटाकर इन अश्को को हटाया है उसने
तो कभी अपने माता पिता के सामने हमको पलकों पर बिठाया है उसने
इस तरह यह ज़िन्दगी अच्छी कट जाती है
बस खुद को समझाना पड़ता है
कुछ गलत फैसले लेने से खुद को रोकना पड़ता है
दोनों परिवारों को साथ लेकर चलना पड़ता है
खुद के आंसुओ को सबसे छुपकर बहने देना होता है
सबके सामने खुद को मजबूत रखना होता है
घर की हर बात बाहर वालो से बताने से बचना होता है
Arrange Marriage ऐसी ही होती है जनाब
खुशिया भी लाती है और गम भी साथ चलता है
बस हर पल हमसफ़र का साथ देना ही खुशनसीब होता है
नौक झॉक तो हर रिश्ते में आम बात है
क्योकि बुजुर्गो ने कहा है न
कि जहा दो बर्तन होंगे वो खड़गे तो जरूर
बस वही पति पत्नी का रिश्ता होता है
इस पति पत्नी के रिश्ते को दिल से अपनाओ
कुछ गलतियों में खुद ही माफ़ी मांग जाओ
खुद को समय के अनुसार नाज़ुक भी और कठोर भी बनाओ
बस इस रिश्ते को ख़ुशी ख़ुशी निभाओ
क्योकि जब बुढ़ापा आएगा तो बच्चे नहीं
ये रिश्ता ही उस तकलीफ में साथ निभाएगा
हमसफ़र के बिना तो बुढ़ापा और ज्यादा तकलीफ में गुजरना पड़ जायेगा
धनयवाद
आपका
नवी
कैसे है आप सभी मै आशा करता हूँ की आप सभी अच्छे होंगे आप हमारे ब्लॉग पर कविताये, विचार और कहानी देखने को मिलेगी।
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