التخطي إلى المحتوى الرئيسي

आईपीएल के 13 वें सीजन के 56 वा मैच हैदराबाद (SRH) Vs मुंबई इंडियन (MI)



आईपीएल के 13 वें सीजन के 56 वा  मैच  हैदराबाद (SRH) Vs  मुंबई इंडियन (MI) के बीच खेला गया! यह मैच हैदराबाद के पॉइंट से बहुत ही महत्वपूर्ण था क्योकि प्ले-ऑफ़ में जगह बनाने के लिए उन्हें ये मैच जीतना जरूरी था और हैदराबाद की टीम ने जीत को बहुत आसानी से प्राप्त किया उन्होंने मुंबई की टीम को 10 विकेट से हराया और ये देखकर ऐसा लग रहा थे की हैदराबाद की टीम जीत के साथ साथ पॉइंट के लिए भी खेल रही हो! वही मुंबई को इस मैच के हार जीत से कोई फर्क नहीं पड़ता! क्योकि मुंबई की टीम पहले ही प्ले-ऑफ में आ चुकी है और पहले  पायदान पर है !



रोहित की टीम में वापिसी 

रोहित आईपीएल के कुछ मैचों में बाहर थे क्योकि वह चोटिल थे और इसी कारण उन्हें ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी नहीं ले जा रहे है ! लेकिन उन्होंने मैच में वापिसी की लेकिन वह बल्ले से कमाल नहीं दिखा पाए और संदीप शर्मा का शिकार बने उन्होंने सिर्फ 4 रन ही बनाये !

हैदराबाद की टीम ने टॉस जीता 

हैदराबाद की टीम ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग का फैसला किया ! और उनका यह फैसला सफल ही हुआ और उनके गेंदबाज़ो ने अच्छी बोलिंग भी की ! सदीप शर्मा ने शुरआत में ही मुंबई को बैटिंग को कमजोर कर दिया और उन्होंने 4 ओवर में 34 रन देकर 3 विकेट लिए  जबकि शाहबाज नदीम ने बेहद किफायती गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में 19 रन देकर दो विकेट चटकाए! 

पोलार्ड ने दिखाया बल्ले से दम

 मुंबई की टीम में बस पोलार्ड ने ही बल्ले से दम खम दिखाया उनके सिवा और कोई भी बल्लेबाजी से कमाल नहीं दिखा पाया ! ईशान किशन और सूर्यकुमार यादव अच्छी फॉर्म में चल रहे थे लेकिन वो टीम में ज्यादा योगदान नहीं दे पाए ! सूर्यकुमार यादव ने 29 गेंदों में 36 रन बनाये और नदीम की गेंद पर आगे बढ़े  शाह ने स्टम्प करने में कोई चूक नहीं की वही ईशान किशन 30 बॉल पर 33 रन बनकर संदीप की गेंद पर बोल्ड हो गए! उसके बाद पोलार्ड ने  टीम को संभाला और 25 गेंदों पर 41  रन बनाये और होल्डर ने उन्हें  बोल्ड कर दिया अपने आखिरी और 20 वे ओवर में !

मुंबई ने दिया 150 रन का टारगेट
पेसर संदीप शर्मा की अगुआई में अपने गेंदबाजों के बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर हैदराबाद ने मुंबई को 8 विकेट पर 149 रन पर रोक दिया। कायरन पोलार्ड ने अगर आखिर में 25 गेंद में 41 रन नहीं बनाए होते तो मुंबई की स्थिति खराब होती। पोलार्ड ने 19वें ओवर में टी नटराजन को लगातार तीन छक्के लगाकर मुंबई को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी पारी में दो चौके और चार छक्के जड़े।

वॉर्नर और साहा ने दिलाई जीत
150 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी हैदराबाद टीम ने 17.1 ओवर ही लक्ष्य हासिल कर लिया। उसके लिए कैप्टन डेविड वॉर्नर ने नाबाद 85 और साहा ने नाबाद 58 रन की पारी खेली। वॉर्नर ने अपने आईपीएल करियर का 48वां अर्धशतक जड़ा और 58 गेंदों की अपनी नाबाद पारी में 10 चौके, 1 छक्का लगाया जबकि साहा ने 45 गेंदों पर 7 चौके, 1 छक्का जड़ा। दोनों ने मुंबई के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और कोई विकेट नहीं गिरने दिया।

एलिमिनेटर में अब बैंगलोर और हैदराबाद की भिड़ंत
हैदराबाद की टीम अब 6 नवंबर को एलिमिनेटर में विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर से भिड़ेगी। वहीं, पहले क्वॉलिफायर में 5 नवंबर को दुबई में मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स की भिड़ंत होगी।

आईपीएल 2020 में हैदराबाद की टीम ने लिए है सबसे ज्यादा विकेट !

जीत ने तोड़ा केकेआर का दिल
हैदराबाद की इस जीत ने कोलकाता नाइट राइडर्स का दिल तोड़ दिया क्योंकि उसे प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होना पड़ा। इससे पहले इयोन मॉर्गन की कप्तानी वाली टीम केकेआर पॉइंट्स टेबल में चौथे नंबर पर थी लेकिन हैदराबाद ने जीत के बाद नंबर-3 पर जगह बनाई और विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर चौथे नंबर पर आ गई। 

धन्यवाद 

आपका नवी

تعليقات

المشاركات الشائعة من هذه المدونة

संघर्ष ही जीवन है

 संघर्ष ही जीवन है  संघर्ष (struggle) ये अक्षर दिखने में छोटा सा है , परन्तु यह जीवन का हिस्सा है या समझ लीजिये की संघर्ष का नाम ही जीवन है , मनुष्य  या फिर पशु पक्षी हर किसी  का जीवन एक संघर्ष है | अगर हम सरल शब्दों में संघर्ष को परिभाषित करे तो हम सब संघर्ष से घिरे हुए और जो सफलता या  सीख मिलती है वो संघर्ष की ही देन है |  संघर्ष जीवन को निखारता, संवारता  व तराशता  हैं और गढ़कर ऐसा बना देता  हैं, जिसकी प्रशंसा करते जबान थकती नहीं। संघर्ष हमें जीवन का अनुभव कराता  हैं, सतत सक्रिय बनाता  हैं और हमें जीना सिखाता  हैं। संघर्ष का दामन थामकर न केवल हम आगे बढ़ते हैं, बल्कि जीवन जीने के सही अंदाज़ को – आनंद को अनुभव कर पाते हैं। SELFISH HUMANS - HOW TO DEAL WITH SELFISH HUMANS ? संघर्ष सफलता की कुंजी संघर्ष जीवन का वह मूलमंत्र है जिसका अनुभव हर कोई व्यक्ति करता  है और संसार में बहुत ही कम व्यक्ति होंगे जो इसका  अनुभव पाने से वंचित रहे  हो , समाज में हर कोई नाम, शोहरत, पैसा , इज्जत कमाना या फिर पढ़ाई में अव्वल होना  चाहे जो भी लक्ष्य हो वह बिना संघर्ष  के अधूरा है! संघर्ष जीवन में उतार - चढ़ाव का

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी - अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत उन्हें मिला ही देती है

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी  किसी  ने सच ही कहा है अगर आप किसी को सच्चे दि ल से चाहो तो कायनात भी उसे आपसे मिलाने में  जुट जाती है। और अगर किस्मत भी साथ दे दे तो वो आपको जरूर मिल जाता है।   यह कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे दो प्यार करने  वाले एक दूसरे से जुदा होने के बाद भी मिल जाते है।  यह कहानी और कहानियो की तरह नहीं है।  इस कहानी में किस्मत दो प्यार करने वालो को फिर से मिलाती  है।  और उन दोनों को भी नहीं पता था  कि वो दोनों जिंदगी में दुबारे मिल पाएंगे।  चलो अब हम कहानी की शुरआत करते है इस कहानी को पूरा पढ़ना जब ही आपको समझ आएगा की प्यार  किसे कहते और उसका पास होने का और जुड़ा होने का एहसास कैसा होता है।  राज और काजल दिल्ली के एक ही कॉलेज में पढ़ते है, दोनों की कॉलेज में दोस्ती हो जाती है।  और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है।  राज और काजल एक दूसरे को अच्छे से समझने लगते है , और  उन दोनों का समय के साथ साथ दोस्ती और  प्यार बढ़ता जाता है। कॉलेज का आखिरी पड़ाव था और दोनों अब एक दूसरे से अलग हो रहे थे दोनों बेचैन थे की आगे वो मिल पाएंगे या नहीं उनकी जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर

छोटी कहानी बड़ी सीख

  छोटी कहानी बड़ी सीख  🖊 लेखक नविन  एकबार एक चोर ने कसम खाई के जिंदगी में मैं कभी झूठ नहीं बोलूंगा।  परन्तु पेशे से वो तो चोर था।  और आप सब जानते है की झूठ तो चोर का सबसे महत्वपूर्ण हथियार होता है।   एकदिन वो अपनी तीन चार गधो पर समान के गट्ठर रखे हुए जा रहा था रास्ते में पुलिस चेक पोस्ट पड़ी उसके पास एक दरोगा आया और पूछा। की तुम कोन हो और क्या करते हो। सामने से जवाब मिला नसरुद्दीन हूँ  और चोरी करता हूँ।  दरोगा हैरान हो गया उसने सरे गट्ठर खुलवाए और चेक किया ज्यादा कुछ मिला नहीं सिवाय कुछ लकड़ियों के।  उसने नसरुद्दीन को जाने दिया।  कुछ दिनों बाद नसरुद्दीन फिर वही चेक पोस्ट पार कर रहा था।  फिर वही दरोगा मिला और पूछा अब भी चोरी करते हो क्या ? नसरुद्दीन ने कहा हां चोर हूँ तो चोरी ही करूंगा।  दरोगा ने फिर से सारा समान खुलवाया और चेक किया और फिर से कुछ नहीं मिला।  ये सिलसिला पुरे 20 सालो तक चलता रहा, वो दरोगा रिटायर हो गया लेकिन उसे यही एक बात खलती रही की चोर्ने समने से कुबूल किया के वो चोर है फिर भी वो कुछ बरामद नहीं क्र पाया चोरी साबित नहीं कर पाया।   Cricket Update एकदिन नसरुद्दीन दरोगा जी