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दिल से दिल तक सफर - दिल के टूटे ख्वाब

माँ मेरा अभिमान है - माँ मेरा स्वाभिमान है

नारी (स्त्री) का क्या दोष है - समाज के आगे विवश स्त्री (नारी)

मेरा गांव है शहर से निराला - गांव की सभ्यता

एक पिता और बेटी की कहानी - हर किसी की बेटी की इज्जत करो

गरीबी - एक तस्वीर में बयाँ होती हुई - गरीबी की मज़बूरी

थोड़ी ख़ुशी थोड़ा गम - ख़ुशी और गम का सफर

नौकरी करने वालो का जिंदगी का सफर - जब नौकरी मिलेगी तो क्या होगा बॉस की जी हुज़ूरी होगी (जिंदगी की बस यही रखो चाहत बॉस होना चाहिए मस्त)

दिल की डोर - दिल का रिश्ता (प्यार, इश्क़ और मोहब्बत)