प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी - अगर प्यार सच्चा हो तो किस्मत उन्हें मिला ही देती है

प्यार करने वालो की प्यारी सी कहानी 



किसी  ने सच ही कहा है अगर आप किसी को सच्चे दिल से चाहो तो कायनात भी उसे आपसे मिलाने में  जुट जाती है। और अगर किस्मत भी साथ दे दे तो वो आपको जरूर मिल जाता है। 

यह कहानी कुछ ऐसी ही है जिसमे दो प्यार करने  वाले एक दूसरे से जुदा होने के बाद भी मिल जाते है।  यह कहानी और कहानियो की तरह नहीं है।  इस कहानी में किस्मत दो प्यार करने वालो को फिर से मिलाती  है।  और उन दोनों को भी नहीं पता था  कि वो दोनों जिंदगी में दुबारे मिल पाएंगे। 

चलो अब हम कहानी की शुरआत करते है इस कहानी को पूरा पढ़ना जब ही आपको समझ आएगा की प्यार  किसे कहते और उसका पास होने का और जुड़ा होने का एहसास कैसा होता है। 

राज और काजल दिल्ली के एक ही कॉलेज में पढ़ते है, दोनों की कॉलेज में दोस्ती हो जाती है।  और धीरे धीरे दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगते है।  राज और काजल एक दूसरे को अच्छे से समझने लगते है , और  उन दोनों का समय के साथ साथ दोस्ती और  प्यार बढ़ता जाता है। कॉलेज का आखिरी पड़ाव था और दोनों अब एक दूसरे से अलग हो रहे थे दोनों बेचैन थे की आगे वो मिल पाएंगे या नहीं उनकी जिंदगी उन्हें किस मोड़ पर ले जाएगी। दोनों एक दूसरे से शादी करना चाहते थे लेकिन परिवार की सहमति भी जरूरी थी।  राज के परिवार वाले तो शादी के सहमति थे लेकिन काजल के परिवार वाले इस बात सहमति नहीं करते क्योकि दोनों की जाति अलग अलग थी ,इसलिए काजल ने  अपने परिवार वालो से बात नहीं की।  काजल के परिवार वालो ने काजल की शादी पक्की कर दी थी और उसकी शादी मुंबई में रहने वाले हरीश से हो रही थी। काजल की शादी का दिन आ गया और उस शादी काजल ने अपने कॉलेज के दोस्तों को भी बुलाया था जिसमे राज भी शादी में शामिल हुआ था राज अंदर से टूटा हुआ था लेकिन बाहर से खुश था और शादी के कामो में काजल के परिवार की मदद भी कर रहा था।  वह चाहता था कि काजल जहां भी जाए खुश रहे। काजल शादी करके चली गयी, और राज अकेला रह गया। 

राज एक प्राइवेट कम्पनी सलेसमैन का काम करने लगा और अच्छा पैसा कमाने लगा , राज मिडिल क्लास परिवार का था।  वह अपनी जॉब से खुश था।  काजल की शादी के दो साल बीत गए थे लेकिन उसकी कोई कॉल नहीं आयी और ना ही उसकी किसी दोस्त को उसके बारे में पता था।  राज ने कोशिश तो की कि उसे पता लग जाये की काजल कैसी है और उसकी जिंदगी कैसी चल रही है।  लेकिन वह कुछ भी पता नहीं लगा पाया।  अब राज के परिवार वाले राज की शादी की बात करने लगे और राज भी परिवार से सहमत था।  राज की परिवार वाले उसके लिए कोई अच्छी लड़की देख कर उसकी शादी की तयारी में लगे हुए थे। 

काजल की शादी के दो साल बाद एक दिन राज के पास किसी अनजान नंबर से फ़ोन आता है। 

राज - हेलो , जी आप कोन बोल रहे है , दूसरी तरफ से एक लड़की की आवाज आती है। 

काजल -  हेलो क्या मै राज से बात कर सकती हूँ। 

राज - हां जी मैं राज ही बोल रहा हूँ , आप कौन 

काजल -  हेल्लो राज, मैं काजल 

राज - राज ने आवाज तो पहचान ली थी फिर भी वह पक्का करना चाहता था की काजल ही बोल रही है। राज मन ही मन बहुत खुश था लेकिन उसने काजल को जाहिर नहीं होने दिया। और काजल की आवाज सुन कर राज के ख़ुशी के आंसू निकल गए।  राज का एक दोस्त साहिल उसके साथ था , वह राज को देखकर  बोला क्यां हुआ और फ़ोन  पर कौंन है।  राज ने हाथो से इशारा किया कोई नहीं और काजल को बोला कैसे हो। 

काजल - मैं ठीक हूँ और रोने लगी। 

राज - क्या हुआ काजल रो क्यों रही हो किसी ने कुछ कहा किया।  और बोला चुप हो जाओ और बताओ क्या बात हुई। 

काजल - काजल सिसकी लेते हुए कुछ नहीं राज , वो बहुत दिनों बाद तुमसे बात की न इसलिए रोना आ गया। 

राज - चलो कोई नहीं काजल चुप हो जाओ और बताओ तुम्हारा नया परिवार कैसा है। 

काजल - मेरा परिवार बहुत अच्छा है और यह सब बढ़िया है एक दम। 

राज - खुश होकर ये तो बहुत अच्छी बात है बस तुम खुश रहो इतना ही कहा था राज ने की काजल ने फ़ोन काट दिया। राज सोच रहा था की दुबारे फ़ोन करू या नहीं। 

साहिल - क्या हुआ राज तू इतना दुखी क्यों है और किसका फ़ोन था जो तू  ऐसे बात कर रहा था। 

राज - काजल का फ़ोन था ,

साहिल - वही काजल जिससे तू प्यार करता था तुम दोनों एक साथ कॉलेज में थे और जिसकी शादी भी हो गयी। 

राज - हां यार साहिल उसी का फ़ोन था लेकिन फ़ोन कट हो गया।  अब समझ नहीं आ रहा की दुबारे करू या नहीं। 

साहिल - क्या बात हुई बता फिर मैं बताता हूँ। 

राज - कुछ खाश बात नहीं और उसने जो भी बात हुई थी साहिल को बता दी। 

साहिल - अभी रहने दे क्या पता कोई आ गया हो इसलिए उसने काट दिया हो , वो जरूर तुझे दुबारा फ़ोन करेंगे एक दो दिन में इंतजार कर। 

राज - ठीक है।  साहिल की बात सुनकर राज को सबर तो हो गया , लेकिन उसका दिल तड़पने लगा।  वही पुराने दिन उसे याद आ गए। 

जब भी राज के फ़ोन पर किसी का फ़ोन आता उसे यही उम्मीद लगती की काजल का फ़ोन है, इस इंतजार में एक हफ्ता बीत गया। 

एक हफ्ते बाद राज को काजल का फिर फ़ोन आता है। 

राज - हेलो बोल कर चुप हो जाता। 

काजल - हेलो राज कैसे हो। 

राज - मैं ठीक हूँ तुम बताओ कैसी हो , और उस दिन फ़ोन क्यों काट दिया था। 

काजल - कोई आ गया था तो मैंने फ़ोन काट दिया अच्छा नहीं लगता न ऐसे और मैं ठीक हूँ । 

राज - अच्छा जी ,  चलो कोई नहीं और सुनाओ कैसी चल रही है जिंदगी। 

काजल - अच्छी चल रही है तुम बताओ शादी कर ली। 

राज - नहीं यार अभी नहीं कोई अच्छी लड़की मिली नहीं। 

काजल - अच्छा ऐसे कैसे तुम्हे तो अच्छी लड़की मिल जानी चाहिए इतने अच्छे जो हो तुम और काजल ने पूछा काम कहा कर रहे हो। 

राज - एक कंपनी में काम कर रहा सलेसमैन का , और तुम्हारे पति क्या करते है। 

काजल - वो भी किसी कंपनी में काम करते है पर मुझे पता नहीं कहा। 

राज - ओके , कितने बच्चे हो गए , मस्ती करते हुए। 

काजल - उदास होकर नहीं यार अभी नहीं और उसने फ़ोन काट दिया। 

राज - हेलो हेलो कोई है। 

राज फिर परेशान हो गया क्योकि आज फिर काजल ने बिना बताये फ़ोन काट दिया।  अब राज फिर काजल के फ़ोन का इंतजार करने लगा। 

कहानी में इंटरवल 

अगले दिन फिर काजल का फ़ोन आता है। 

राज - हेलो  

काजल - हेलो , सॉरी कल के लिए फ़ोन काट दिया था। 

राज - कोई बात नहीं काजल लेकिन फ़ोन बता कर काटा करो। 

काजल - ओके कोशिश करुँगी।  और बताओ क्या कर रहे हो। 

राज - कुछ नहीं बाहर था ऑफिस के काम से। 

काजल - मैंने डिस्टर्ब तो नहीं किया। 

राज - नहीं नहीं वैसे तो फ्री हूँ तुम बात कर सकती हो। 

काजल - ओके धन्यवाद। 

राज - धन्यवाद की जरूरत नहीं यार तुम मेरी बहुत अच्छी दोस्त हो और रहोगी , और बोला की अभी तक बच्चे क्यों नहीं क्या बात तुम अभी करना नहीं चाहती क्या।  

काजल - पहले चुप रही और फिर बोली नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं।  बस ऐसे ही। 

राज - ओके फिर जल्दी से खुश खबरी दो हमे ,

काजल - ठीक है। 

काजल - चलो मैं तुम्हे शाम को फ़ोन करुँगी। 

राज - ठीक है मैं इन्तजार करुगा। 

राज को शाम का इंतजार होने लगा। और शाम को फ़ोन आता है। 

राज - हां जी बताओ कैसे हो। 

काजल - मैं बढ़िया हूँ,  राज मुझे तुमसे कुछ बात करनी है किसी को मत बताना। 

राज - अरे तुम भी कैसी बात कर रही हो आज तक ऐसा हुआ कभी। 

काजल - हां वो तो  मैं जानती हूँ लेकिन फिर भी बहुत दिनों बाद बात की न इसलिए ऐसा बोला 

राज - यार तुम मुझसे बेझिझक होकर बात करो। 

काजल - यार मेरे पति वो नहीं है कैसे समझाऊ तुम्हे 

राज - मैं समझा नहीं काजल खुल कर बोलो। 

काजल - मेरे पति गे है। 

राज - तुम्हे कैसे पता बताओगी। 

काजल - जब मैं शादी के बाद वह गयी तो मुझे कुछ अजीब सा लगा लेकिन जब हरीश मेरे रूम में आये तो वो मेज पर रखा दूध पीकर सोफे पर जाकर सो गए। मुझे लगा पहला दिन है , मैंने सुबह हरीश से बात की क्या हुआ। हरीश कुछ नहीं  बोला और निचे चला गया।  अगले दिन भी ऐसा ही हुआ। फिर मैंने हरीश से पूछा लेकिन वह मुझसे बात ही नहीं करता था।  एक हफ्ते के बाद मेरी सासु माँ ने पूछा कैसा चल रहा है तो मैंने उन्हें सब बता दिया। लेकिन उन्होंने बोला की तुझमे ही कोई कमी होगी , तू कोशिश नहीं करती होगी , और उन्होंने मेरी नहीं सुनी।  एक दो दिन रात को हरीश घर से चला भी जाता था और सुबह आता  था। घर में उसका और परिवार का बात करने का तरीका भी थोड़ा अलग था।  उसके परिवार ने या हरीश ने मुझ पर कभी हाथ नहीं उठाया।  लेकिन अपना भी नहीं समझा।  एक दिन रात को मैंने हरीश से बात करने की कोशिश की जब उसने गुस्से में कहा की मुझे तुम अच्छी नहीं लगती।  तो मुझे लगा की हरीश किसी और लड़की से प्यार करता है।  मैं कुछ दिन रोई दुखी हुई।  मैंने उसकी माँ को बताया लेकिन उन्होंने कहा ऐसा कुछ नहीं है उसने गुस्से में बोल दिया।  फिर एक दिन मैंने हरीश को पकड़ा और पूछा कोण है वो और अगर उसके साथ रहना है तो मुझसे शादी क्यों की तुमने , हम दोनों के बीच बहुत कहा सुनी हुई जब हरीश ने कहा की मुझे लड़के पसंद है।  और यह सुनकर मेरे तो होश उड़ गए , मेरी सोचने समझने की शक्ति कुछ देर के लिए खत्म हो गयी।  और हरीश वह से चला गया।  अगले दिन मैंने हिम्मत करके सासू माँ को सब बताया।  यह सुनकर वो भी रोने लगी , और बोली बेटी हमे माफ़ कर दो जब उन्होंने ये कहा तो मैंने कहा मम्मी जी इसमें आपको कोई गलती नहीं।  तो उन्होंने कहा बेटी हमे लगा की क्या पता शादी के बाद ये सही हो जाये।  यह सुनकर मैंने कहा की मम्मी जी आपको पता था तो उन्होंने कहा है बेटी।  हम इसी उम्मीद में थे की मेरा बेटा हमे वारिस दे लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसने जबरदस्ती शादी तो कर ली लेकिन खुद को नहीं बदला। 

यह सब सुनकर मेरी पैरो निचे से जमीन निकल गयी।  और मेरी सासु माँ ने मुझे संभाला और बोला बेटी हमे माफ़ कर दो।  मैं उनके पास से उठ कर अपने कमरे में आ गयी।  और फिर मैंने घर पर फ़ोन किया और अपनी मम्मी को सब बता दिया।  यह सुनकर उन्होंने दुःख हुआ लेकिन वो बोली की अब तो तुझे वही रहना पड़ेगा।  हम तुझे वापिस ले आये तो तेरी दोनों बहनो से शादी कोण करेगा।  दुनिया वाले क्या कहेगे और मुझे समझने लगी। 

राज - काजल इतना सब हो गया और तुम मुझे आज बता रही हो दो साल बाद। 

काजल - मैं समझ नहीं पा रही थी राज की क्या करू और उधर से मेरे घर वाले भी मान नहीं रहे थे।  तो हिम्मत करके मैंने तुमसे बात की सोचा थोड़ा मन हल्का हो जायेगा। 

राज - तो अब आगे क्या  करना है तुम्हे काजल। 

काजल - कुछ नहीं अब तो जैसे है वैसा ही रहना है हरीश के साथ। 

राज - यह सुनकर दुखी हुआ और काजल को समझाने लगा। 

राज और काजल की फ़ोन पर कुछ दिन ऐसे ही बाते होती रही। एक दिन राज ने कहा 

राज - काजल कुछ पुछु 

काजल - हां राज पूछो 

राज - क्या वो तुम्हे तलाक दे देगा। 

काजल - हां वो सब सहमत है तलाक के लिए , लेकिन मैं जाउंगी कहा। 

राज - मुझसे शादी कर लेना। 

काजल - नहीं राज मेरे घर वाले भी नहीं मानेगे और तुम घर पर क्या कहोगे की शादी शुदा लड़की से शादी करोगे तुम। 

राज - मेरे परिवार की तुम चिंता मत करो , मैं उन्हें समझा लूंगा , बस तुम हां करो। 

काजल - राज मेरे परिवार वाले कैसे मानेगे , वो कभी सहमति नहीं करेंगे और पापा की तो अभी पता ही नहीं और न ही भाइयो को। 

राज - मैं भी तुम्हारे परिवार से बात करता हूँ कोशिश करने में क्या जाता है।  

काजल - ठीक है राज कर लो लेकिन मेरे भाइयो को तुम जानते हो न। 

राज - हां वो गुस्से वाले और बदमाश है लेकिन मैं कोशिश करता हूँ। 

काजल - खुश होकर ठीक है राज जो तुम्हे सही लगे। 

राज और उसका दोस्त साहिल एक दिन काजल के घर गया लेकिन उसके पापा नहीं मिले , वह काजल की मम्मी थी , राज ने उसकी मम्मी से की और कहने लगा आंटी जी मैं काजल को कॉलेज का दोस्त हूँ कुछ बात करनी है , काजल की मम्मी ने कहा हां बीटा बोलै।  राज ने कहा आपको पता है की काजल किस तकलीफ से गुजर रही है उसका मेरे पास फ़ोन आया था मैं उससे शादी करना चाहता हूँ , यह सुनकर काजल की मम्मी ने कहा ऐसा नहीं हो सकता और गुस्से में कहा की जाओ यहां से काजल के पापा के आने से पहले।  यह सुनकर राज वहा से आ गया।  

काजल कुछ दिन के लिए घर पर आयी थी तो उसकी और मम्मी की बात हुई तो मम्मी उस पर गुस्सा हुई।  काजल ने मम्मी को समझाया की मेरी क्या जिंदगी है और राज अच्छा लड़का है मुझे खुश रखेगा एक बार आप घर पर बात करो।  

ये बात काजल के घर पर सबको पता लग गयी।  और काजल के छोटे भाई अमित को भी वह बदमाश और गुस्से वाला था।  अमित को लगा की मेरी बहन पहले ऐसे नहीं थी राज ने कुछ कहा है जो वो ऐसे बोल रही है।  और अमित कुछ दोस्तों के साथ राज के घर चला गया।  राज घर पर नहीं था उस समय , अमित और उसके दोस्त राज के परिवार वालो को धमका कर और बोल कर आये की अपने बेटे राज को समझा लो मेरी बहन से दूर रहे नहीं तो मार डालेंगे। 

राज शाम को घर आया तो उसे यह सब पता लगा , वो भी गुस्से में साहिल के साथ वह चला गया और अमित के साथ उसकी लड़ाई हुई  , उस लड़ाई में राज और साहिल बहुत पिटे और घर आ गए। 

राज को पता लगा की अमित का कोई दोस्त राम उसके उधर ही रहता है और वह राज को भी जानता है।  राज राम के पास गया। 

राज - राम भाई आपस एक मदद चाहिए। 

राम - हां बोल राज क्या हुआ। 

राज - आप अमित को जानते है जो वहां रहता है। 

राम -  हां जनता हूँ , तो क्या हुआ 

राज - अमित के बहन और राज ने सारी कहानी राम को सुना दी। 

राम - चल ठीक है राज मैं उसे समझा दुगा। 

राज - बहुत बहुत धन्यवाद भाई। 

राम ने अमित से मुलाकात  की और उसे समझाया और बोला की राज शरीफ लड़का है मैं उसे अच्छे से जनता हूँ तू एक बार अपने परिवार में माँ और बहन से बात कर।  

अमित ने यह सुनकर कहा की ठीक मैं बात करता हूँ लेकिन राम अगर राज गलत हुआ तो फिर देख लेना। 

राम ने ठीक है मैं खुद तेरे पास लेकर आऊंगा उसे। 

अमित घर गया माँ से और बहन से पूछा की सच क्या है। 

तब पुरे परिवार के सामने माँ और बहन ने सब सच बता दिया। 

यह सब सुनकर अमित और उसके पापा को गुस्सा तो आया लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए। और उन्होंने मिल कर राज को घर बुलाया। 

राज अगले दिन उनके घर गया।  अमित और उसके पापा ने उससे बात की और बोले की हमारी बेटी को तुम्हारे परिवार वाले अपना लगेग या बस ये तुम ही कह रहे हो। 

राज ने कहा की आप मेरे घर आ जाओ और उनसे भी बात कर लो मेरा घर भी देख लो। 

कुछ दिन बाद अमित और उसके पापा राज के घर गए और उन्होंने उनके परिवार से बात की तथा वह से संतुष्ट होकर घर आ गए।  

काजल के पापा ने हरीश के पापा से बात की और बोले की हमारी बेटी अब वहां नहीं रहेगी और तलाक देकर सब खत्म करो। पहले तो हरीश के पापा बोले नहीं फिर उन्होंने घर पर बात की और वो उनकी काजल के पिता की बात मान गए। 

दो महीने बाद उनका तलाक हो गया और इधर राज और काजल ने परिवार के साथ जाकर मंदिर में फिर कोर्ट में शादी कर ली। दोनों के परिवार बहुत खुश थे और इन परिवार से ज्यादा राज और काजल बहुत खुश थे। 

आज राज और काजल की शादी को पांच साल हो गए और वो दोनों बहुत ख़ुशी ख़ुशी जीवन व्यतीत कर रहे है और उनके दो प्यारे से बच्चे भी बड़ा लड़का रोहित और छोटी बेटी मधु। 

अगर आप किसी से प्यार करते है तो  उसकी  ख़ुशी का ख्याल रखे उसे क्या पसंद है इन सब बातो पर ध्यान दे , उसे  समझने की कोशिश करे।  ना की अपनी मर्जी उस पर थोपे और अगर वो तुम्हे मिल न सके तो खुद को या फिर उसे नुक्सान पहुचाये।  अगर  प्यार सच्चा है और आपकी  किस्मत में उसका मिलना लिखा है तो वह एक दिन आपको जरूर मिलेगा। अगर आपको ये कहानी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करे और कमेंट करके बताये की आपको कैसी लगी।  मैं आपके अपने ब्लॉग www.idealjaat.com पर ऐसी और भी कहानी और कविताएँ लेकर आता रहुगा। आप मुझे मेल भी कर सकते है  इस मेल npcoolguy1@gmail.com पर अगर आपके पास कोई कहानी या कविता हो तो।  हम उसे अपने ब्लॉग पर जरूर डालेंगे। 

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धन्यवाद 

आपका नवी 


 

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