Women Day Special - महिला दिवस पर कुछ खास

लेखक - धुर्वील 

जिनसे इनका सृजन होता है उनको ये गंदगी कहते है , रक्त के उन लाल बूंदो को ये मामूली कहते है।  पांच दिन उससे अछूत की तरह घृणा का व्यवहार करते है कैसे ये मासिक होने को शर्मसार कर अपने अस्तित्व का उपहास करते है। 



पीरियड्स महावारी रजस्वला आखिर क्या  है ये बला ?



तुम जो अपनी मर्दानगी  पर इतना  इतराते हो 
दरअसल बाप तुम इस क्रिया से ही बन पाते हो। 

 कुछ मर्दो को नहीं है जरा सी तमीज
उनके लिए है ये बस उपहास  की चीज। 

हम 21 वी सदी जी रहे है 
चाँद का नूर पी रहे है 
पर विस्पर आज भी पैक करके दिया जाता है। 


जैसे हमे कोई छूत की बीमारी है 
ऐसे हमे सबसे अलग कर दिया जाता है 
चुपचाप दर्द पीना सीखा देते है 
किसी को पता न चले घर में 
ये भी समझा देते है। 

भाई पूछता है की पूजा क्यों नहीं की 
तो उसे सर झुकाकर समझाना पड़ता है 
चाहे दर्द में रोती रहू 
पर पापा को देखकर मुस्कुराना पड़ता है। 


पेट के निचले हिस्से को जैसे कोई निचोड़ देता है 
कमर और जांघ की हड्डिया जैसे कोई तोड़ देता है 
खून की रिस्ति बून्द के साथ तड़पती हूँ मैं 
और जिसे तुमने नाम दिया "क्रेम्प्स" का 
उसमे सोफे पर निढाल होकर सिसकती हु मैं। 

अब पुरुष कहोगे इसमें हमारी क्या गलती है 
हमारा क्या दोष है ?
तो सुनो तुमसे हमारी न कोई शिकयत 
न कोई रोष है। 
 

बस जब तड़पे हम दर्द से 
तो "मैं हूँ ना" ये एहसास करवा देना 
गर्म पानी की बोतल लाकर तुम दर्द मिटा देना 
जो लगे चाय की तलब तो एक कप चाय पीला देना 
पैड खतम हो जाये तो बिना झुँझलाये ला देना।
 
"तो मैं क्या करुँ" बोल कर मुँह मोड़ कर जाना मत 
"रेड अलर्ट" "लाल बत्ती" जैसे शब्दों से चिढ़ाना  मत 
बालो में तेल लगाकर पीठ को सहलाकर 
बस जरा सा प्यार जता देना। 

हम जो धर्म निभाते है महीने के 27 दिन 
तुम बस 3 दिन निभा देना। 
   

अगर आपको यह कविता अच्छी लगी तो कमेंट और शेयर जरूर करे और मैं चाहता हु इसे पढ़ने के बाद आप अपने विचार जरूर व्यक्त करे।  हमे अच्छा लगेगा। 

मै उम्मीद करता हूँ आपको नारी और उसके पीरियड्स को समझना जरुरी है , हमारे सबके परिवार में स्त्री जरूर होगी चाहे माँ, बीवी , बहन , या बेटी, हमे उनके पीरियड्स जो 4-5 दिन तक आते है , उस दर्द को समझना होगा और उनके काम में सहयोग भी करना चाहिए ।  अगर आपको भी  ऐसी कविता और कहानी लिखना अच्छा लगता है   और  आप पोस्ट करवाने चाहते हो तो हमे हमारी मेल पर भेजे npccolguy1@gmail.com हम आपकी उस कहानी और कविता को अपने ब्लॉग में लिखेंगे और पोस्ट करेंगे। आपका अपना ब्लॉग www.idealjaat.com



धन्यवाद 

आपका नवी 


Comments

  1. Its amazingly true .poem is true and reality is very sad ..thanks and congrats to you ,who wrote such a poem and tried to understand the pain,feelings and expectations of a female

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  2. Its amazingly true and sad .poem is beautiful.Thanks for understanding the pain ,feelings and expectations of a female so truely and superbly

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