Depression (अवसाद ) के लक्ष्ण और उपाय

What is depression? /  अवसाद क्या है? 

प्रस्तावना : पिछले कुछ साल पहले भारत  कि सबसे बड़ी न्यूरो साइंस इंस्टिट्यूट ने एक सर्वे की ,ताकि उन्हें एक अंदाजा हो कि हिंदुस्तान में सबसे आम मानसिक रोग कौनसी है! उनको जवाब मिला था “Depression “  (अवसाद )!

जीवन में कभी-कभार खुद को अकेला महसूस करना एक सामान्य बात है, लेकिन जब ये अकेलेपन का एहसास बहुत समय तक बना रहे और आपका साथ ना छोड़े तो ये depression या अवसाद हो सकता है. ऐसे में जीवन  बड़ा नीरस और खाली-खाली सा लगने लगता है, ऐसे में ना परिवार वाले और ना ही दोस्त अच्छे लगते हैं और ना ही किसी और काम में मन लगता है जिंदगी खाली खाली लगने लगती है और positive बातें भी negative लगने लगती हैं! यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो घबराने की ज़रुरत नहीं है. ज़रुरत है depression के symptoms और कारणों को समझने की और फिर उसका इलाज करने की!

हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, कभी सफलता मिलने पर बहुत ख़ुशी मिलती है तो कभी असफल होने पर दुखी हो जाते  है,  कई बार लोग छोटे-मोटे दुःख को भी depression का नाम दे देते हैं, जो कि बिलकुल गलत है, Depression उदास होने से बहुत अलग होता है, आइये इसकी परिभाषा को समझते हैं:

“अवसाद एक ऐसी मानसिक स्थिति  या स्थायी मानसिक विकार है जिसमे व्यक्ति को  उदासी, अकेलापन, निराशा, कम आत्मसम्मान, और आत्मप्रतारणा महसूस  होती  है ; इसके संकेत मानस – मिति संबंधी मंदता , समाज से कटना , और ऐसी स्थितिया जिसमे  की कम भूख लगना और अत्यधिक नीद आना में नज़र आते हैं.”

ध्यान देने कि बात है कि आम तौर पर होने वाली tension या दुःख का अवसाद से कोई लेना-देना नहीं है.

Depression अवसाद के लक्षण ?

यदि आपको नीचे दिए गए symptoms में से एक या अधिक आपके साथ match करते  दीखते  हैं  तो आपके depressed होने की सम्भावना है:

  •  आपका हमेशा उदास रहना,  किसी भी बात पर कोई भी interest नहीं लेना !  किसी भी काम पर मन नहीं लगना  चाहे वो नौकरी हो,पढ़ाई हो,रिश्ते हो! कई बार लोग कहते है कि जिंदगी में खुशी ख़तम ही हो गई है! ऐसा लगने लगता है! किसी भी चीज करने से मजा नहीं आता, मतलब जिंदगी अब खत्म हो गयी है ! 
  • ग्लानि (Guilt), बहुत सारे लोगों को ग्लानि महसूस होती है! हर छोटी सी बात पर अपने आप को कसूरवार मानते हैं! अपने आप को हमेशा कोसते रहते हैं! 
  • ये है शारीरिक कमजोरी! शरीर में हमेशा थकान सी रहने लगता है! ऐसा लगता है जैसे उन्हें काम करने के लिए कोई ताकत ही नहीं है! इसमें लोग हमेशा थके थके से रहने लगते हैं!
  •  आपका  पहले से कहीं जल्दी irritate या aggressive हो जाना हैं, और छोटी छोटी बातो पर गुस्सा करना , हर किसी से झगड़ना बिना किसी बात पर ! 
  • ये है भूक में बदलाव आना! आम तौर पर Depression मरीजों को भूख नहीं लगती हैं! भूख कम होने कि वजह से वजन भी काम हो जाता है! लेकिन कुछ लोगों को भूख कम  होने की जगह बढ़ भी जाती है इसकी वजह से उन लोगों का वजन भी बढ़ने  लगता है! 
  • नींद में दिक्कतें आना! नींद की दिक्कत आम तौर पर पाए जाने वाली लक्षण हैं! या तो आपको नीद नहीं आती या बहुत अधिक नीद आती है.
  • अपने आप को नुकसान पहुंचने की खयाल आना! लोगों को Depression में कई बार आत्महत्या करने की विचार भी आते है।

यदि इस प्रकार के लक्षण दो हफ्तों से ज्यादा है तो ये Depression हो सकती हैं! ऐसा नहीं कि कोई कारण कि वजह से ही ये लक्षण दिखे बल्कि बिना कोई कारण के भी ऐसे लक्षणों का आने की संभावना है!

Depression  अवसाद के कारण क्या हैं 

डिप्रेशन के लिए बहुत सारे वजह हो सकते है! जैसे कि जैविक कारण, मनोवैज्ञानिक कारण, सामाजिक कारण आदि!  .

  • जैविक मतलब दिमाग में कुछ रसायन होते है अगर उनकी मात्रा में  कुछ कमी होती है तो जैविक कारण से डिप्रेशन की लक्षण आने लगते  हैं।
  • इसके अलावा सामाजिक कारण जैसे की पारिवारिक दिक्कतें, रिश्तों में दिक्कतें, या फिर काम में  ये सब डिप्रेशन की लक्षणों को लाने केलिए जिम्मेदार होते हैं।
  • अकेलापन
  • प्यार में सफल न होना 
  • स्कूल या कॉलेज में फेल हो जाना 
  • Social support की कमी
  • वित्तीय समस्याएं
  • हाल में हुए तनावपूर्ण अनुभव
  • वैवाहिक या अन्य  रिश्तों में खटास
  • खराब बचपन
  • बेरोजगारी
  • ऑफिस में काम का दबाव

Depression अवसाद को दूर करने के उपाय

जिस प्रकार अलग अलग लोगों में depression के लक्षण और कारण अलग अलग होते हैं, उसी प्रकार  इससे पार पाने के तरीके भी अलग अलग होते हैं.जो उपाय एक व्यक्ति के लिए काम कर जाये वो दुसरे के लिए भी करे ऐसा ज़रूरी नहीं है, और ज्यादातर cases में इलाज कि कोई एक विधि पर्याप्त नहीं होती. यदि आपको खुद में या आपके किसी शुभचिंतक में अवसाद के लक्षण नज़र आते हैं तो treatment options को explore करने में कुछ वक़्त लगाइए, ज्यादातर लोग सोचते है की प्यार से बात करके,एक दूसरे को सहयोग करके इस बीमारी को ठीक कर सकते है! कुछ हद तक ये बात सही है  लेकिन अगर बीमारी ज्यादा बढ़ गई तो मेडिकल इलाज़ करना बहुत जरूरी है!

  • आज कल parents को भी कोशिश करनी चाहिए की बच्चो पर ज्यादा पढ़ाई का दबाव न डाले और उनसे एक दोस्त की तरह बाते करे जिससे बच्चे जल्दी depressed न हो !
  • यदि आपको लगता है कि आप depression में जा रहे हैं या already depressed हैं तो इस बात को छुपाइये नहीं, और ना ही इसको  लेकर हीन महसूस कीजिये क्योंकि depression एक बहुत ही साधारण बीमारी है , और इसका उपचार पूर्णतः संभव है. इसे छिपाना इसे बढ़ावा देने जैसा है , अपने घर-परिवार में इसको लेकर बात कीजिये , अपने अभिन्न मित्रों से भी सलाह मशविरा कीजिये, यदि आपको लगता है की आपकी कोई भी बात नहीं सुन रहा है तो तो आप सीधे किसी psychologist से  भी  मिल सकते हैं!
  • आप अपने जीने के तरिके में बदलाव लाये जैसे : बिगड़े हुए रिश्तो में सुधार करने की कोशिश करे ,  अगर आप किसी से प्यार करते है और वह आपको छोड़ कर चला गया तो आप अपने दोस्तों को बताये उसे भूल जाये आपको नया प्यार मिल जायेगा पर जिंदगी नहीं , खुद को शांत रखने के लिए रोज व्यायाम या योग करे , समय पर भरपेट भोजन खाये , नकारात्मक सोच को खुद से दूर करे और नकारात्मक विचार वाले लोगो से दूर रहे !
  • कई बार हम बहुत जल्दी भावुक (Emotional) हो जाते है, और भावुक होना आपको हानि पहुंचाता है , इसलिए खुद को मजबूत बनाये अगर आप किसी की बातो से भावुक हो रहे है तो खुद को शांत रखे थोड़ी देर सब पहले जैसा हो जायेगा या फिर आप इससे related कोई कोर्स कर ले !

इसमें मेडिकल इलाज़ में दो प्रकार होते है:

  • अगर डिप्रेशन जैविक  कारण की वजह से है तो उसे  आंटी डिप्रेसेंट की मदद से ठीक कर सकते है।
  • मानसिक और सामाजिक वजह से आती हुई डिप्रेशन को कुछ काउंसलिंग देकर ठीक कर सकते है।इसको मेडिकल में साइको थेरेपी कहते है।

Depression and suicide

बहुत ज्यादा Depression की वज़ह से व्यक्ति आत्महत्या करने तक की सोच सकता है. Depression के दौरान व्यक्ति खुद को बिलकुल असहाय महसूस कर सकता है और उसे सभी समस्याओं  का हल अपनी जिंदगी का अंत करने में नज़र आने लगता है.यदि कोई आपसे आत्महत्या करने जैसी बातें करता है तो संभवतः वो depression से ग्रसित है , और वो सिर्फ आपको अपनी बात ही नहीं बता रहा है बल्कि वो मदद के लिए चिल्ला रहा है, और आपको उसकी मदद ज़रूर करनी चाहिए. और यदि आप खुद को ऐसा करते देख रहे हैं तो बिना देरी किये आपको experts की मदद लेनी चाहिए.

यदि आप किसी में इन बातों को देखते हैं तो वो आत्महत्या के लिए चेतावनी हो सकती है:

  • अपने को मारने या खत्म  करने के बारे में बात करना!
  • अचानक ही लोगों को goodbye करने के लिए मिलना या phone करना!
  • ऐसी भावनाएं व्यक्त करना जिससे व्यक्ति बहुत ही असहाय और उलझा हुआ प्रतीत हो!
  • हमेशा मरने सम्बन्धी बातें करना!
  • असामान्य व्यवहार  करना जैसे कि बिना वजह चलता हुआ रोड क्रॉस करना रेड लाइट जम्प करना !
  • असामान्य बातें करना जैसे, ” मेरे ना रहने से किसी को फरक नहीं पड़ता!”
  • अचानक ही एकदम depressed होना और फिर ख़ुशी जाहिर करने लगना!

यदि आपको लगता है कि आपका कोई दोस्त या फिर रिस्तेदार मरने या आत्महत्या जैसी बाते कर रहा हो उसे या मरने के बारे में सोच रहा है तो तुरंत ही उसे किसी professional की मदद दिलाइये, खुलकर उससे बात करे की क्या हुआ वो ऐसा क्यों सोच रहा है उसे समझाये की ये सब सोच रहा है वह सब गलत है वो पहले की तरह सही हो सकता बस खुद को थोड़ा सा समय देना पड़ेगा उसे और कोशिश करे की उसके आस पास रहे और उसे समझते रहे ऐसा करने से किसी की जान बच सकती है! 

निष्कर्ष/उपसर्ग : दवा और बातचीत(काउंसलिंग)  को मिलाकर ही अच्छा इलाज़ हो सकता है! कई बार दवाइयों की डर से कुछ लोग और ज्यादा Depression को बढ़ने की मौका देते हैं! अगर सही समय पर इलाज शुरू कर दिया  जाय तो ठीक होना आसान हैं!  डिप्रेशन की इलाज संभव है! उसके  लिए इंसान को  दोस्तों परिवार वाली और डॉक्टर के साथ सहयोग करना जरूरी है! 

 धन्यावद 

आपका नवी 

Comments

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