व्यायाम के लाभ

 व्यायाम का अर्थ 



 

व्यायाम व्यक्ति के जीवन में वह गतिविधि है,  जो व्यक्ति को स्वस्थ रखने के साथ व्यक्ति के जीवन शैली को भी बढाती है! सरल शब्दों में कहे  कसरत करना (व्यायम) जैसे शरीर के अंगो को स्वस्थ रकने के लिए  किया गया शारीरक अभ्यास ! व्यायाम को कई अलग अलग कारणों के लिए किया जाता है, जिनमे शामिल हैं: मांसपेशियों को मजबूत बनाना, हृदय प्रणाली को सुदृढ़ बनाना, एथलेटिक कौशल बढाना, वजन घटाना या फिर सिर्फ आनंद के लिए करते है ! खेलना-कूदना, दौड़ लगाना, उछलना  आदि हमें बचपन से ही अच्छा लगता है ! कहते हैं कि बच्चा जितना उछल-कूद करेगा, उतना ही बढ़ेगा और स्वस्थ  भी रहेगा ! जीवन में हर काम तभी अच्छा हो सकता है जब हमारा मन और शरीर दोनों स्वस्थ हों ! ऐसा तभी हो सकता है जब हम नियमित रूप से व्यायाम करें !

व्यायाम के प्रकार 

आमतौर पर व्यायाम को मानव शरीर पर पड़ने वाले इसके समग्र प्रभाव के आधार पर तीन प्रकार में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • लचीलापन व्यायाम  जैसे कि शरीर के भागों को खींचना (स्ट्रेचिंग) मांसपेशियों और जोड़ों की गति की सीमा में सुधार करता है!
  • एरोबिक व्यायाम जैसे साईकिल चलाना, तैराकी, घूमना, नौकायन, दौड़, लंबी पैदल यात्रा या टेनिस खेलना आदि से हृदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है!
  • एनारोबिक (अवायवीय) , जैसे वजन उठाना, क्रियात्मक प्रशिक्षण या छोटी दूरी की तेज दौड़ (स्प्रिन्टिंग),अल्पावधि के लिए पेशी शक्ति में वृद्धि करती है!

व्यव्याम के लाभ 

व्यायाम व्यक्ति के शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अत्यंत आवश्यक उपाय है , स्त्री हो या पुरुष, वृद्ध हो या अधेड़, युवा हो या बालक, सभी के लिए व्यायाम लाभकारी होता है ! खुले वातावरण में तथा अच्छे प्रशिक्षक की देखरेख में किया जाने वाला व्यायाम व्यक्ति के शरीर के लिए सुखदायी और अमृत के समान होता है ! व्यक्ति का मन, उसकी बुद्धि और उसके शरीर ठीक रहता हैं, जिससे व्यक्ति अधिक समय तक प्रसन्न रहते हुए जीवित रह सकता है ! व्यायाम अवस्था के अनुरूप ही करना चाहिए ! सभी व्यायाम सभी के लिए उपयोगी नही हो सकते। अतः भृमण सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है, क्योंकि प्रातः काल की स्वच्छ वायु का सेवन स्वास्थ के लिए महावरदान है। बच्चों के लिए भाग दौड़, लोगों के लिए भृमण तथा युवकों के लिए अन्य व्यायाम उपयोगी है ! आवश्यकता से अधिक किया गया व्यायाम हानिकार होता है, व्यायाम के नियमों का पालन करना भी आवश्यक है ! व्यायाम खुली हवा में तथा खाली पेट करना चाहिए ! व्यायाम के तुरंत बाद स्नान भी वर्जित माना जाता है !

उपसंहार  

पुराने ग्रंथो में  कहा गया है कि धन यदि चला जाय तो फिर लौट सकता है या उसके बिना भी मनुष्य जीवनयापन कर सकता है किन्तु स्वास्थ्य के बिना मनुष्य का जीवन निरर्थक बन जाता है क्योंकि रोगी को न तो कोई भोजन और नही कोई आमोद-प्रमोद खुशकर सकता है ! अत: स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है और इसकी रक्षा के लिए व्यायाम करना आवश्यक है !

 

आजकल हर व्यक्ति का जीवन बहुत आरामदायक हो गया है, चाहे वह बच्चा हो या बड़ा हर कोई आराम का आदि बन चुका है ! एक समय था जब बच्चे खलेने के लिए बाहर जाते थे अपने परिवार का काम में हाथ बटाते थे कॉलेज या स्कूल जाने वाले बच्चे पैदल और बसों का प्रयोग करते थे और बड़े लोग कहता में काम मजदूरी और अन्य काम करते थे बुजुर्ग भी शाम और सुबह घूमने जाते थे और औरते के पास घर का इतना  काम होता था  की वह सेहतमंद रहती थी ! परन्तु आज कल की नई नई टेक्निक चीजों ने व्यकित को आलसी और आनंदमयी बना दिया और कुछ बचा खुचा कोरोना ने व्यक्ति को घर में कैद कर दिया ! जिस कारण न तो वह घूम पाता और न ही अच्छे से व्यायाम कर पा रहा है ! 

हम ऐसे हालत में व्यायाम करते रहना चाहिए जिससे हमारे शरीर कीे एक एक कोशिका को भरपूर ऑक्सीजन मिले , शरीर की चर्बी कम हो , शरीर तंदरुस्त रहे , मन शांत रहे! मेरा आपसे बस यही अनुरोध है !

 आपको मेरा व्यायाम पर लेख कैसा लगा , कृपया कमेटं करके बताये और इसे शेयर भी करे , 

आपके पास कोई अच्छा लेख या कविता हो तो मुझे मेल करे मेरी मेल पर Mail id:-npcoolguy1@gmail.com मै आपका लेख अपने ब्लॉग पर जनता से शेयर करुगा आपके  नाम के साथ धन्यवाद !

 

संघर्ष ही जीवन है

https://www.idealjaat.com/2020/09/blog-post.html

मनुष्य की इच्छाएं असीमित और अन्नंत 

https://www.idealjaat.com/2020/07/blog-post.html 

दोस्ती की अहमियत 

https://www.idealjaat.com/2020/06/blog-post_14.html

आपका नवी

Comments

Post a Comment