माँ : व्यक्ति के जीवन की प्रथम गुरु

माँ की ममता 

माँ एक ऐसा शब्द है जिसका अर्थ सीमित शब्दों में बांधना संभव नहीं है। माँ का दूसरा नाम ममता है, क्यूकी माँ की ममता समुद्र से भी गहरी है, और  माँ एक वह सुखद अनुभूति है जो हमारे सारे दुःख, कष्टों को अपने ममता के आँचल से ढँक देती है। माँ शब्द की गहराई को परिभाषित करना सरल नहीं है क्यों की उसमे पूरा ब्रह्माण्ड का ज्ञान समाहित होता है। माँ का स्थान किसी भी व्यक्ति के जीवन में सर्वोच्च होता है। माँ न केवल बच्चे को जीवन प्रदान करके इस संसार में लाती है अपितु किसी भी व्यक्ति के जीवन की प्रथम गुरु कहलाती है। एक बच्चा इस संसार में आने पर अपनी माँ पर निर्भर हो जाता है, माँ बड़े स्नेह से उसका पालन पोषण करके उसे जीवन ज्ञान देने लगती है। यही कारण है की माँ को गुरु का स्थान प्राप्त है। माँ के अनेक रूप होते है, वह अपने सुखों का त्याग करके अपने बच्चों की देख भल करती है तथा उसको जीवन में हर सुख प्राप्त हो सके इसलिए दिन रात एक कर देती है।

माँ एक सुखद अनुभूति है। वह एक शीतल आवरण है जो हमारे दुःख, तकलीफ की तपिश को ढँक देती है। उसका होना, हमें जीवन की हर लड़ाई को लड़ने की शक्ति देता रहता है। सच में, शब्दों से परे है माँ की परिभाषा।

माँ शब्द के अर्थ को उपमाओं अथवा शब्दों की सीमा में बाँधना संभव नहीं है। इस शब्द की गहराई, विशालता को परिभाषित करना सरल नहीं है क्योंकि इस शब्द में ही संपूर्ण ब्रह्मांड, सृष्टि की उत्पत्ति का रहस्य समाया है। भारतीय संस्कृति में जननी एवं जन्मभूमि दोनों को ही माँ का स्थान दिया गया है। माँ अनंत शक्तियों की धारणी होती है। इसीलिए उसे ईश्वरीय शक्ति का प्रतिरूप मानकर ईश्वर के सदृश्य माना गया है। माँ के समीप रहकर उसकी सेवा करके, उसके शुभवचनों, शुभाशीष से जो आनंद प्राप्त किया जा सकता है वह अवर्णनीय है। अपने दिए स्नेह के सागर के बदले माँ बच्चों से कुछ नहीं चाहती। वह हर हाल में केवल बच्चों का हित सोचती है, खुद को मिटाकर भी। इसलिए अपनी ओर से हम उसे कभी दुःख न दें, यही हमारा कर्तव्य होना चाहिए।


मां शब्द का कोई अर्थ नहीं है। मां शब्द आते ही हमें अपनी मां की याद आती है। वह हमें किस तरह पाली पोसी बढ़ा की अच्छे संस्कार दिए और हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। हर एक बुराइयों से लड़ने की शक्ति प्रदान की। हमें अच्छे- भले कि समझदारी सिखाई। मां दोस्त भी होती है। मां कभी भी किसी भी तकलीफ में नहीं देख सकती है। मां भगवान का रूप होती हैं। मां हमें 9 महीना अपनी कोख में पालती है। मां का अर्थ उनके बच्चे ही होते हैं। मां तब बहुत ही खुश होती हैं जब उनके बच्चे सही रास्ते, अच्छे काम और अच्छे संस्कार लेकर आगे बढ़ाते हैं। मां सोचती है आज मेरे बच्चों में अच्छे अच्छे संस्कार हैं। दूसरों की इज्जत करते हैं। यह सब देखकर मां अपनी जिंदगी को सफल मानती। जब हम पैदा होते हैं तो पहला शब्द मां होता है। जब हमें कहीं चोट लग जाती है, या दर्द होता है उस वक्त मां की याद आती है।


माँ का एहसास जब होता है या तो जब वो हमसे दूर चली जाती है या फिर हम कही उनसे दूर रहने चले जाते है इसलिए माँ को हमेशा खुश रखो और हमेशा माँ  साथ दो, एक माँ ही है जो लड़का हो  या लड़की दोनों को सामान रूप से देखती और स्नेह देती है उसके लिए वो दुनिया से लड़ जाती है

ऐ मेरे मालिक तूने गुल को गुलशन में जगह दी पानी को दरिया में जगह दी पंछियो को आसमान में जगह दी तू उस शख्स को जन्नत में जगह देना जिसने मुझे  9 महीने पेट में जगह दी

शुक्रिया 
आपका नवी 



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